नाराज कांग्रेसी विधायक सदन में उठा रहे सवाल, ओपी ने कहा -भूपेश सरकार नाकाम


रायगढ़। बतौर विपक्ष भाजपा भूपेश सरकार पर वादाखिलाफी, बढ़ते भ्रष्टाचार , विकास कार्यो के ठप्प होने का गंभीर आरोप लगाती रही लेकिन भूपेश सरकार इसे सत्ता से दूर होने का दर्द बता कर टालती रही । भाजपा नेता व प्रदेश मंत्री ओपी चौधरी ने भूपेश सरकार को सवालों के कटघरे में खड़े करते हुए पूछा कि विधान सभा में आपकी पार्टी के काँग्रेस विधायक जनसमस्याओ भ्रष्टाचार व नियमों की अनदेखी का सवाल उठा रहे है। क्या विधायको को आपके द्वारा किये जा रहे कार्यो पर विश्वास नही है ?
ओपी चौधरी ने सत्ताधारी दल के विधायकों द्वारा विधानसभा में लगातार सवाल उठाए जाने के मामले को चुनी गई सरकार की नाकामी निरुपित किया। यह एक बड़ा सवाल है कि जब एक चुनी हुई सरकार से जब उनके विधायक ही असंतुष्ट ना हो तो आम जनता कैसे संतुष्ट हो सकती है ? ओपी चौधरी ने मीडिया को विधानसभा के दौरान विधायको द्वारा पूछे गए सवालों के आंकड़े उपलब्ध कराते हुए बताया कि स्थानीय विधायक प्रकाश नायक ने बेजा कब्जा , फ्लाई ऐश डंपिंग , बढ़ते प्रदूषण को लेकर सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए तो वही विधायक छन्नी साहू ने शराब की अवैध बिक्री व नई दुकान खोलने के मुद्दे पर सरकार को घेरा है। बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय ने मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल शुरू न होने पर सरकार से नाराजगी जताई है। जशपुर विधायक विनय भगत अपने क्षेत्र में विकास कार्यो हेतु अधिकारियों की भूमिका को लेकर खिन्न नजर आए। लखेश्वर बघेल ने बायोमैट्री खरीदी में करोड़ो का घोटाला होने का गंभीर आरोप सरकार पर लगाया है। केशकाल विधायक संतराम नेताम ने पीएमजीएसवाई में सबइंजीनियर को एसडीओ व ईई का प्रभार देने पर सरकार की नियत पर सवाल उठाये हैं । यहाँ तक कि सवालों के उत्तर से असन्तुष्ट होकर विधायक गण सदन में नही आने की बात तक कह रहे है।
ओपी ने कहा कि पार्टी के विधायक जब सरकार के काम काज से संतुष्ट न हो तो सरकार को समीक्षा करनी चाहिए। यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छी परंपरा नही है। विधायको द्वारा बताए गए सुझावों को अमल में नही लाया जा रहा इसलिए विधायको को विधानसभा में सवालों के जरिये जवाब मांगना के लिए विवश होना पड़ा। भूपेश सरकार पर उनकी ही पार्टी के विधायक भ्रष्टाचार विकास कार्यो के नही होने व नियमों की अनदेखी का आरोप लगा रहे है। कांग्रेसी विधायको के सवालों को ओपी ने भूपेश सरकार की विश्वसनीयता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह बताते हुए कहा कि छग गठन के दो दशकों बाद ऐसा पहली बार हुआ जब सरकार के काम काज से पार्टी के विधायक ही नाखुश है। ऐसी स्थिति में प्रदेश की जनता कैसे खुश रह सकती है। भूपेश सरकार को इसका जवाब भी देना चाहिए।

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