गारे-पेलमा कोल् खदान व उद्योग प्रबंधन के खिलाफ ग्रामीणों ने किया चक्काजाम…..! वाहनों की तेज़ रफ़्तार व प्रदूषण फैलाने को लेकर जताई नाराजगी….

रायगढ़। गारे-पेलमा कोल खदान 4/2,4/3 की तीव्रता से हो रही ब्लास्टिंग एवं जेपीएल द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण के विरोध में लिबरा के ग्रामीणों ने मंगलवार सुबह 9 बजे से चक्काजाम कर सडक़ पर धरने पर बैठ गए थे, ग्रामीणों का कहना था कि इसकी कई बार प्रशासन को जानकारी दी गई है, लेकिन उचित कार्रवाई नहीं हो रही है, जिसके चलते मकान क्षतिग्रस्त व धूल-डस्ट से लोगों के सेहत लगातार बिगड़ रहा है।
गौरतलब हो कि तमनार थाना क्षेत्र के लिबरा के ग्रामीणों ने कोल खदान में हो रहे तेज ब्लास्टिंग व जेपीएल कंपनी से फ्लाईएस लेकर निकल रही वाहनों के चलते इनको काफी नुकसान हो रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि गांव के समीप ही गारे-पेलमा 4/2 व 4/3 कोल खदान स्थित है। जहां कोयला खोदने के लिए ब्लास्टिंग की तीव्रता इतनी ज्यादा है कि इससे घर और मकान क्षतिग्रस्त होने लगे हैं। घरों के दीवारों में दरारें आने लगी है, ऐसे में ग्रामीणों को अब भय सताने लगा कि अगर इसी तरह ब्लास्टिंग होती रही तो कभी भी मकान गिर जाएंगे, जिससे इनको जान-माल को नुकसान हो सकता है। हालांकि लिबरा के ग्रामीणों ने कोल खदान में हो रहे ब्लास्टिंग की तिब्रता को कम करने के लिए कई बार ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन इनकी समस्या को नजर अंदाज कर दिया गया, साथ ही गांव से होकर गुजरने वाली सडक़ों पर दिन-रात जेपीएल से फ्लाईएस लेकर जा रही भारी वाहनों के चलते गांव में हमेशा डस्ट फैलते रहता है, जिससे इन वाहनों पर रोक लगाने की मांग की थी, साथ ही इन भारी वाहनों के चलते कई बार ग्रामीणों की जान भी चली गई है, इसके बाद भी इन वाहनों पर रोक नहीं लगाई जा रही है। इसी समस्या को लेकर मंगलवार को सुबह से ही लिबरा गांव के बाहर से गुजरने वाली सडक़ को जाम कर दिया, जिससे भारी वाहनों की लंबी कतार लग गई थी, इस दौरान घटना की सूचना मिलने पर तमनार टीआई मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों को समझाईश देकर मामला शांत कराया, जिससे करीब दो-तीन घंटा बाद जाम हटाए जाने के बाद वाहनों का आना-जाना शुरू हो सका।
इस संबंध में लिबरा के ग्रामीणों ने बताया कि एसईसीएल प्रबंधन को ज्ञापन देकर मांग किया गया था कि ब्लास्टिंग की तीव्रता को कम किया जाए, ताकि मकानों को नुकसान न हो, लेकिन इनके द्वारा भी इनकी बातों को अनसुना कर दिया गया, जिससे परेशान होकर ग्रामीणों ने चक्काजाम करने का निर्णय लिया। साथ ही ग्रामीणों का कहना था कि कई मकानों में अधिक दरार आने के कारण कभी भी गिर सकता है, जिससे जानमाल को नुकसान हो सकता है।
जेपीएल के ओवरलोड गाडिय़ों से दिक्कत
चक्काजाम कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि जेपीएल तमनार से निकलने वाली ओवरलोड गाडिय़ों के लगातार आना-जाना होने से जेपीएल से लेकर खदान तक फ्लाईएस गिरते हुए जाता है, जिससे गांव में हमेशा डस्ट उड़ते रहता है। ऐसे में अब ग्रामीणों के सेहत पर असर पड़ रहा है। हालांकि ओवरलोड कम करने के लिए कई बार शिकायत की गई, फिर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। ऐसे में ग्रामीणों ने १४ फरवरी तक समस्य दूर करने के लिए ज्ञापन दिया गया था, लेकिन कम नहीं होने पर मंगलवार को चक्काजाम कर दिया।
आश्वासन के बाद चक्काजाम समाप्त
जानकारी के अनुसार एसईसीएल प्रबंधन, जेपीएल प्रबंधन व टीआई मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को लिखित में आश्वासन दिया कि अब खदान में हो ब्लास्टिंग की तीव्रता कम जाएगी, साथ ही जेपीएल द्वारा ओवरलोड वाहन न चलाने के आश्वासन के बाद चक्काजाम समाप्त हो सका। साथ ही इसके लिए त्रिपक्षीयवार्ता की आश्वासन दिया है।
वर्जन
ओवर लोड गाडियां व खदान में ब्लास्टिंग कम करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने करीब दो-तीन घंटा चक्काजाम किया था, जिसकी सूचना मिलने पर जाकर समझाईश दी गई, जिसके बाद जाम हटाया है।
जीपी बंजारे, टीआई तमनार