रेलवे के राजस्व को भारी नुकसान….रायगढ़ स्टेशन में अवैध वेंडर्स सक्रिय…..

रायगढ़। ट्रेनों के पूरी तरह से संचालन शुरू हो जाने के बाद अब स्टेशन के सभी स्टाल पूरी तरह से चालू हो गया है, लेकिन स्टाल संचालक अवैध वेंडरों से सामान विक्रय कराया जा रहा है, जिससे रेलवे को राजस्व का नुकसान हो रहा है। साथ ही इन अवैध वेंडरों पर कार्रवाई नहीं होने के कारण स्टाल संचालकों का हौसले बुलंद हो रहे हैं।
गौरतलब हो कि कोरोना काल के चलते विगत दो साल से यात्री ट्रेने सही तरीके से नहीं चलने के कारण स्टेशन के स्टाल लगभग पूरी तरह से बंद था, लेकिन अब विगत कुछ दिनों से रेलवे विभाग द्वारा सभी ट्रेनों को शुरू कर दिया है, जिससे अब यात्रियों की संख्या काफी बढ़ गई है। ऐसे में अब रेलवे स्टेशन में २४ घंटे यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है। जिससे अब स्टाल संचालकों की भी अच्छी-खासी कमाई होने लगी है। साथ ही विगत दिनों यात्रियों की संख्या को देखते हुए रेलवे द्वारा स्टाल संचालकों को किराया सहित अन्य में काफी राहत दिया गया था, लेकिन अब फिर से पुराने दर पर चलने लगे हैं, इसके बाद भी स्टाल संचालक अवैध वेंडरों से सामान विक्रय करा रहे हैं। जिससे रेल विभाग को काफी नुकसान हो रहा है। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि प्लेटफार्म पर कई ऐसे स्टाल है जहां दो-चार वेंडर का परमिशन लिया गया है, लेकिन उनके पास दर्जनभर वेंडर काम कर रहे हैं। ऐसे में अगर किसी यात्री के साथ गलत होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। हालांकि रेलवे का नियम है कि स्टेशन सहित ट्रेन में जितने भी वेंडर सामान बेचेगें उनका रजिस्टे्रशन रेलवे के पास होता है, लेकिन रायगढ़ में वैध से ज्यादा अवैध वेंडर काम कर रहे हैं।
इस संबंध में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्टेशन के स्टालों में करीब ढाई से तीन दर्जन वेंडर काम करते हैं। जिसमें अगर जांच की जाए तो करीब दर्जनभर का ही रजिस्ट्रेशन पाया जाएगा, बाकी सभी अवैध रूप से खाद्य पदार्थों की बिक्री कर रहे हैं। इसके बाद भी विभागीय अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
बगैर अनुमति के चल रहे वेंडर
रेलवे स्टेशन में कुछ स्टाल ऐसे भी है जिनको रेलवे द्वारा वेंडिंग की अनुमति नहीं दी गई है, इसके बाद भी स्टाल संचालक वेंडरों से खाद्य पदार्थ की बिक्री करा रहे हैं। हालांकि इसकी जानकारी स्टेशन के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को है, लेकिन जांच व कार्रवाई नहीं होने से मनमाने तरीके से बिक्री कराई जा रही है। वहीं सूत्रों के अनुसार प्लेटफार्म व ट्रेनों में सामान बेचने के लिए वेंडरों का हमेशा मेडिकल सर्टिफिकेट होना भी अनिवार्य है, लेकिन अगर जांच की जाए तो ज्यादातर वेंडर बगैर मेडिकल कराए ही खाद्य पदार्थ बिक्री करते हैं। ऐसे में अगर यात्रियों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।