पूर्व विधायक प्रकाश नायक के भाई कैलाश का भाजपा में प्रवेश

कांग्रेस के सबसे मजबूत किले में ओपी की सेंध ,
श्रीराम मंदिर बायकॉट का निर्णय के बाद से बना लिया था कांग्रेस छोड़ने का मन
रायगढ । प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेसी खेमें में भगदड़ और खेमा बदलने की कड़ी में एक बड़ी सियासी घटना सोमवार को घटित हुई जिसमें पूर्व नगर विधायक प्रकाश नायक के छोटे भाई व बरमकेला से जिला पंचायत सदस्य कैलाश नायक ने अचानक कांग्रेस छोड बीजेपी में जाने का ऐलान कर दिया । कैलाश के सोशल मीडिया हैंडल पर यह खबर आते ही रायगढ के सियासी हल्के की सरगर्मी बढ़ गई और रायगढ में यह सियासी बम फोड़ा वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने । कैलाश नायक ने चर्चा में बताया कि वे विगत एक माह से ओपी चौधरी के सम्पर्क में थे और जल्द ही ओपी के मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे।
जिपं सदस्य कैलाश नायक ने बातचीत में आगे बताया कि अयोध्या श्रीराम मंदिर का बायकाट के बाद से ही उनके मन में कांग्रेस छोड़ने की इच्छा घर करने लगी थी। वहीं चुनाव जीतने के बाद से ही पूर्व विधायक की गतिविधियों पर नजर जमाये नगर विधायक ओपी चौधरी ने कैलाश के इस मनोदशा को समझते हुए विपक्षी खेमे में सबसे बडे़ सियासी विस्फोट की पटकथा लिख दी । कैलाश नायक ने बताया कि श्रीराम उनके हृदय में हैं और आस्था पर दलगत सियासत से उनका मन खिन्न हो रहा था । हांलांकि कैलाश नायक ने किसी भी राजनैतिक परिस्थिति को अपने निर्णय के लिए जिम्मेदार ना बताकर इसे अपना व्यक्तिगत निर्णय बताया साथ ही बडे़ भाई व परिवारजनों के निर्णय के विपरीत फैसला लेने पर क्षोभ भी जाहिर किया ।
पिता ने भी बदला था दल
यहां यह बताना जरुरी है कि जिपं सदस्य कैलाश नायक व पूर्व विधायक प्रकाश नायक के दिवंगत पिता स्व. डा. शक्राजीत नायक ने अपनी राजनीति बीजेपी से शुरु की थी और पृथक छग के गठन पश्चात भाजपा छोड कांग्रेस में आये थे। कैलाश ने भी अपनी राजनीति कांग्रेस के झंडे के नीचे शुरु की और हवा का रुख़ बदले देख पाला बदल दिया। खास बात यह भी है कि कैलाश नायक ने ऐसे वक्त में खेमा बदलने का ऐलान किया जब उनके भाई व पूर्व विधायक प्रकाश नायक के निवास पर पूर्व मुख्यमंत्री बघेल समेत जिले के बडे नेता बोरे बासी का भोग लगाते हुए लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की रणनीति मजबूत करने में जुटे हुए थे । रायगढ में 7 मई को मतदान होना है । ऐसे में पूर्व मंत्री व विधायक के पारिवारिक सदस्य व कांग्रेस के निर्वाचित नेता के पार्टी छोड़ने के ऐलान का असर जिला संगठन और चुनाव पर निश्चित पड़ने की संभावना है।