आंदोलनरत स्वास्थ्य कर्मियों की मांगों के साथ खड़े हुए चौधरी….

मांगो को भाजपा घोषणा पत्र में शामिल करने के साथ पूरा करने का ओपी ने किया वादा….
रायगढ़ । राजधानी में लंबे समय से अपनी मांगो को लेकर आंदोलनरत स्वास्थ्य कर्मियों के धरने में शामिल होकर भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने वादा करते हुए कहा आपकी मांगो का परिक्षण कर भाजपा घोषणा पत्र में न केवल शामिल किया जायेगा बल्कि सरकार आने पर उन वादों को शत प्रतिशत पूरा किया जाएगा। कांग्रेस सत्ता पाने के लिए झूठे वादे कर सकती है लेकिन भाजपा की लिए सत्ता सेवा का जरिया है । कांग्रेस की सरकार आने के बाद सभी वर्ग के लोग अपनी मांगो को लेकर सड़क में उतर कर आंदोलन कर करने के लिए विवश है। कांग्रेस की सरकार आने के बाद प्रदेश में विकास का पहिया थम सा गया है। आंदोलन से जुड़े स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी मांगो को लेकर बयाँग में मुलाकात कर धरने में शामिल होने का आग्रह किया था। इसलिए आज धरने में शामिल होने का जिक्र किया। स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल तोड़ने सरकार द्वारा तानाशाही रवैया अपनाए जाने पर भी ओपी ने आपत्ति जताते हुए स्वास्थ्य कर्मियों से साहस बनाए रखने की अपील की । आंदोलन रत स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल बनाए रखने के लिए ओपी चौधरी ने अपने जीवन से जुड़े कठिन निर्णयों का भी जिक्र करते हुए कहा बचपन में पिता की मृत्यु के बाद 23 साल की उम्र में IAS की परीक्षा पास की। कलेक्टर की सेवा छोड़ने के दौरान 24 साल सुविधाओं की नौकरी शेष थी। सोने के इस सिंहासन की छोड़ने का उद्देश्य छत्तीशगढ़ महतारी की सेवा करना है। प्रदेश से झूठ भ्रष्टाचार छल प्रपंच को मिटाने के लिए उन्होंने राजनीति को जरिया बनाया है। सबसे बड़ी सेवा छत्तीशगढ़ महतारी की सेवा है । राजनीति के लिए बहुत से मंच है लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की वाजिब मांग का समर्थन भाजपा के लिए राजनैतिक विषय नही है । भारतीय जनता पार्टी की ओर से विश्वास दिलाते हुए कहा घोषणा पत्र में आप लोगो की मांगों को ईमानदारी से शामिल किया जायेगा। सत्ता पाने के लिए गौ गंगा का अपमान करने वाली कांग्रेस की तरह झूठा घोषणा पत्र बनाने की बजाय ऐसा संकल्प पत्र बनाया जाएगा जो छत्तीसगढ़ में विकास की दशा दिशा तय करेगा। बतौर नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंह देव ने सरकार बनते ही दस दिन में आपकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था पांच साल हो गए आपसे कोई चर्चा करने नही आया बल्कि सरकार दमन कारी नीतियों से आपके लोकतांत्रिक आंदोलन को दबाना चाहती है। सूबे के मुखिया भूपेश बघेल को पढ़े लिखे लोगो से दुराग्रह रखने वाला व्यक्ति निरूपित करते हुए कहा भुपेश बघेल शिक्षित लोगो से नफरत करते है। इसे सभी महसूस भी करते है ।