राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत करने वाले नायक वीर सावरकर – ओपी चौधरी

प्रदेश भाजपा महामंत्री ने वीर सावरकर जयंती पर किया पुण्य स्मरण
रायगढ़ । प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने संसद के नए भवन को लोकतंत्र का मंदिर बताते हुए कहा आज वीर सावरकर जयंती के दिन नए भवन का उद्घाटन देश वासियों के लिए गौरवशाली क्षण है। मोदी जी द्वारा नए संसद भवन में धर्म दंड सेंगोल की स्थापना को ओपी चौधरी ने सनातन धर्म का यथोचित निरूपित किया । वीर सावरकर जयंती के जीवन से जुड़ी घटनाओं का जिक्र करते हुए भाजपा नेता में कहा महान क्रांतिकारी विनायक दामोदर सावरकर का जन्म महाराष्ट्र के नासिक जिले के गांव में हुआ था। उनके पिता दामोदर पंत सावरकर गांव के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में एक थे। कम उम्र में ही उनकी माता राधाबाई का साया उनके सर से उठ गया था। सबसे पहले सावरकर ने ही पूर्ण स्वतंत्रता को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का लक्ष्य घोषित किया और राष्ट्रध्वज तिरंगे के बीच में धर्मचक्र लगाने का सर्वप्रथम सुझाव भी वीर सावरकर ने ही दिया था।जिसे राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने मान्य किया।वीर सावरकर पहले क्रांतिकारी थे जिन्होंने राष्ट्र के सर्वांगीण विकास का चिंतन किया। वे प्रथम राजनीतिक बंदी थे । बंदी जीवन समाप्त होते ही सावरकर ने अस्पृश्यता आदि कुरीतियों के विरुद्ध आंदोलन शुरू किया।उनकी पुस्तक ‘द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस-1857 एक सनसनीखेज पुस्तक रही।जिसने ब्रिटिश राज की बुनियाद हिला दी । वे विश्व के ऐसे पहले लेखक थे जिनकी कृति 1857 का प्रथम स्वतंत्रता समर को दो देशों ने प्रकाशन से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया। वीर सावरकर पहले ऐसे भारतीय विद्यार्थी थे। जिन्होंने इंग्लैंड के राजा के प्रति वफादारी की शपथ लेने से मना कर दिया था। वे पहले ऐसे भारतीय राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने सर्वप्रथम विदेशी वस्त्रों की होली जलाई। और ऐसे पहले स्नातक थे जिनकी स्नातक की उपाधि को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण अंग्रेज सरकार ने वापस ले लिया। ओपी चौधरी ने ऐसे अद्वितीय क्रांतिकारी वीर सावरकर के जीवन को भारतीयो के लिए प्रेरणा दाई बताया।