आखिर कहां हैं प्रकाश नायक ? लापता विधायक को जनता खोज रही है – विवेक रंजन सिन्हा

विकास कार्य को अंजाम देने में विफल प्रकाश नायक क्या अब जनता से लुकते -छिपते फिर रहे …..

रायगढ़। शहर में प्रशासनिक आतंकवाद अपने चरम पर है, नगर निगम आयुक्त के नित नए फरमान से आम जनता परेशान है, मगर विधायक प्रकाश नायक जनता के साथ खड़े दिखाई नही दे रहे । आखिर कहां हैं प्रकाश नायक ? लापता विधायक को जनता खोज रही है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विवेक रंजन सिन्हा ने विधायक की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि नगर निगम आयुक्त ने अफसरशाही के घमंड में होली के पावन त्यौहार पर रंग में भंग डालने का काम किया है। उन्होंने बकायदा लिखित आदेश जारी कर शहर के चौक चौराहों में होली ना जलाने का फरमान जारी कर दिया है। सुरक्षात्मक उपाय करने की जगह सनातन धर्म के रीति रिवाजों और परंपरा को ढेंगा दिखाते हुए उन्होंने चौक – चौराहों, सड़को पर होली न जलाने का आदेश दे दिया। इतना ही नहीं वो दल बल के साथ सड़को पर भी उतर होलिका दहन समितियों को धौंसपट्टी भी दे आए। दशकों से जिन जगहों पर होलिका दहन किया जाता है वहां इस तरह की दखलंदाजी करना सीधे तौर पर सनातन धर्मावलंबियों को प्रताड़ित करने की मंशा स्पष्ट है मगर इस मामले में विधायक प्रकाश नायक सनातनियो के साथ दिखाई नही दिए यह दुर्भाग्य जनक है।

विवेक रंजन सिन्हा ने कहा है कि एक तरफ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी देश भर की जनता के घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए अमृत मिशन योजना चलवा रहे हैं, दूसरी तरफ नगर निगम आयुक्त आम जनता को खुलेआम धमकी दे रहे हैं यदि टैक्स नहीं पटाया पेयजल आपूर्ति नहीं होने देंगे। शहर के अटल विहार कॉलोनी के EWS कॉलोनी में लगातार 12 दिनों से पानी नहीं आने की शिकायत लेकर जब स्थानीय लोग निगम आयुक्त के पास पहुंचे तो आयुक्त ने उन्हें टका सा जवाब देकर चलाता कर दिया। उन्होंने कहा कि टैक्स पटाओ तभी पानी मिलेगा। शर्मनाक यह कि यह वार्ड स्वयं विधायक प्रकाश नायक के गृह वार्ड में आता है मगर प्रकाश नायक इस मामले में अपने गृह वार्ड के लोगो के साथ भी खड़े नही हुए और न समस्या का समाधान कराया।

विवेक रंजन सिन्हा ने कहा है कि आयुक्त के निर्देश पर निगम अमले ने नियमितीकरण का बहाना करके ढिमरापुर रोड स्थित 12 दुकानों के तालाबंदी कर दी। सवाल यह उठता है कि आयुक्त को यह अधिकार किसने दिया कि वो दुकानों को सील कर सके। नियमितीकरण की प्रक्रिया में कमी निगमकर्मियो की गलती है। इसमें व्यापारी का क्या दोष ? मामला कलेक्टर के ह्तक्षेप से सुलटा मगर इस मामले में भी विधायक प्रकाश नायक नजर नहीं आए।

विवेक रंजन सिंहा ने सवाल किया कि आखिर विधायक प्रकाश नायक है कहां ? उनके इस तरह लापता हो जाने के पीछे कारण क्या है ? साढ़े चार साल में एक भी विकास कार्य को अंजाम देने में विफल प्रकाश नायक क्या अब जनता से लुकते -छिपते फिर रहे है ? प्रकाश नायक को इसका ज़बाब देना चाहिए

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