सड़को से भी अधिक बदहाल जिले की शिक्षा व्यवस्था :- उमेश अग्रवाल

जिला भाजपा अध्यक्ष ने कहा शिक्षा व्यवस्था को प्रयोगशाला बना दिया
आगे कहा – जनता की खामोशी को कमजोरी न समझे सरकार
क्या विधायाकी सिर्फ उद्घाटन घोषणा व शिलान्यास के लिए ही है ?
रायगढ़ । जिला भाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने सड़को से भी अधिक बदहाल जिले की शिक्षा व्यवस्था को बताते हुए कहा कि शिक्षा व्यवस्था को प्रयोगशाला बना दिया है । वर्षो से चलते हुए ऐतिहासिक स्कूलों को रातों रात बदलकर आत्मानंद स्कूल घोषित कर दिया गया । बाहरी रंग रोगन से आत्मानंद स्कूल का नाम चमकाने में सरकार का ध्यान केंद्रित रहा लेकिन स्कूलों के अंदर आज भी अव्यवस्थाओ का घनघोर अंधकार फैला हुआ है । ऐसा पहली बार हुआ जब सड़को की बदहाली के लेकर बच्चो के पालक बच्चो को स्कूल भेजने से डर रहे है । ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की स्थिति दयनीय हो चुकी और शिक्षा विभाग सफेद हाथी साबित हो रहा है । प्राइवेट स्कूलों की ज्यादा फीस की वजह से गरीब बच्चे पढ़ने से वंचित है और सरकारी स्कूलों की दशा दिशा इतनी बदहाल हो चुकी कि उनके स्कूल जाने का कोई बड़ा फायदा बच्चो को नही है । लैलूंगा के ग्राम पंचायत रूडू केला के आश्रित ग्राम केन्दाटीकरा प्राथमिक विद्यालय में पदस्थ शिक्षक आशीष गोयल के लगातार अनुपस्थित रहने की शिकायत कलेक्टर से की गई थी । इस स्कूल में पैंतीस से चालीस बच्चे अध्यनरत है केवल दो शिक्षक पदस्थ है । ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि 25 सितंबर 2021 से लगातार अनुपस्थित है । दूसरी शिक्षिका पढ़ाने के साथ साथ कार्यालयीन कार्यों में व्यस्त है जिससे बच्चो की पढ़ाई प्रभावित हो रही है । उसी तरह पुसौर ब्लॉक के मिड़मिड़ा निवासी पूर्ण चंद गुप्ता के नेतृत्व में ग्राम वासियों ने जनदर्शन में लिखित शिकायत में कहा कि गांव में स्थित माध्यमिक स्कूल में 100 बच्चो को पढ़ाने केवल 2 ही शिक्षक पदस्थ हैं। एक शिक्षक पर समन्वयक को जवाबदारी होने की वजह से 100 बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी सिर्फ एक शिक्षक के ऊपर आ गई है। ग्राम वासियों ने अपने अपने बच्चों का भविष्य खतरे में बताया । आश्चर्य की बात तो यह है कि 6वीं से 8वीं तीनों क्लास के बच्चों को पढ़ाने का दबाव एक ही शिक्षक पर आ गया है । खाली क्लास रहने पर बच्चे इधर उधर घूमने पर मजबूर है । पढ़ाई के अभाव में शैक्षणिक स्तर गिरता जा रहा और बच्चो का भविष्य अंधकार मय हो गया है । ग्राम वासियों ने एक माह पूर्व भी इसकी शिकायत की थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई । नंदेली स्कूल में शिक्षक पात्रता परीक्षा के दौरान नकल के मामले में भी शिकायत कर्ता धनजय कुमार चौहान द्वारा विरोध करने पर शिकायत कर्ता को धमकाया गया , पुलिस के पास भेजने की धमकी दी गई । आश्चर्य की बात है कि पुलिस का उपयोग निरपराध लोगो को फंसाने के लिए कर रही है । सरकार से जुड़े मुलाजिम शिकायतकर्ताओं को धमकी दे रहे है । उमेश अग्रवाल ने पूछा कि क्या विधायकी सिर्फ घोषणा उद्घाटन मेल मुलाकात के लिए है ? आम जनता की सुनने वाला विधायक चुनने का समय अब आ गया है ।