पार्टी के बड़े नेताओं ने उमेश को निर्दोष माना , साजिशकर्ताओं के विरूद्ध कार्रवाई शुरू….!

जिला भाजपा उपाध्यक्ष आशीष ताम्रकार को किया निलम्बित , कुछ और संलिप्त नेता भी टारगेट में

रायगढ़ । भारतीय जनता पार्टी के रायगढ़ जिला उपाध्यक्ष आशीष ताम्रकार को दल की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है । सांगठनिक स्तर पर प्रदेश भाजपा द्वारा की गई इस अनुशासनात्मक कार्रवाई से बहुत कुछ स्पष्ट हो गया है । जिला भाजपाध्यक्ष उमेश अग्रवाल के खिलाफ पिछले दिनों चलाये गए चरित्र-हनन के अभियान को पार्टी आलाकमान ने न केवल एक राजनैतिक षड्यंत्र माना है बल्कि साजिश-कर्ताओं के करतूत को भी संज्ञान में लिया है । पार्टी के बड़े नेताओं की नज़र में उमेश अग्रवाल ना केवल बेदाग सिद्ध हुए हैं बल्कि इस षड्यंत्र के उजागर हो जाने से पार्टी स्तर पर उनकी स्थिति और भी सुदृढ़ हो गई है ।

आशीष ताम्रकार को दल से निलंबित करते हुए प्रदेश भाजपा ने पार्टी के भीतर ही अध्यक्ष के खिलाफ हुई चारित्रिक-हनन की घटना को घोर अनुशासनहीनता बताया है । निलंबन के कारणों में यह साफ कर दिया गया है कि पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं को उकसा-कर उनके माध्यम से उमेश अग्रवाल के चरित्र-हत्या की कोशिशें हुई है जिसके लिए पार्टी के जिला उपाध्यक्ष आशीष ताम्रकार जिम्मेदार हैं । पार्टी आलाकमान का यह भी मानना है कि उमेश के खिलाफ पुलिस-थाना में छेड़छाड़ की जो रिपोर्ट दर्ज कराई गई है वो सरासर झूठे आरोपों पर आधारित है । आशीष के खिलाफ हुई इस दंडात्मक कार्रवाई से पार्टी के कतिपय उन स्वनामधन्य नेताओं के होश-फाख्ता हो गए हैं जो उमेश अग्रवाल को फंसाने के इस सुनियोजित राजनैतिक साजिश में आशीष के साथ ही पूरी तरह संलिप्त थे । उनके पास अब केवल दो ही विकल्प शेष रह गए हैं , या तो पार्टी के शरणागत हो अपने अपराध कबूल कर क्षमा-याचना कर लें या फिर तत्काल पार्टी छोड़ें । ऐसा नही करने की स्थिति में आने वाले दिनों में निलंबन की गाज उनपर भी गिर सकती है ।

प्रदेश भाजपा ने अनुशासनहीनता के विरुद्ध ठोस कदम उठाकर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं । जिला भाजपा की छवि को धूमिल किये जाने के किसी भी प्रयास अथवा मंसूबे को वो हरगिज पूरा नही होने देगी । वो पार्टी के हर उस नेता को बाहर का रास्ता दिखाने में देर नही करेगी जो अनुशासन के परे जाकर पार्टी हितों के साथ कुठाराघात का प्रयास करेगा ।

बहरहाल , सियासी हलकों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि उमेश अग्रवाल के विरुद्ध राजनैतिक षड्यंत्र रचने वालों में पार्टी के ही कई नेता शामिल रहे है । हर किसी का यही मानना है कि यह दुष्चक्र चलाने का कृत्य अकेले आशीष के बूते का नही है । इस कृत्य में पार्टी के और भी कई बड़े नेता संलिप्त रहे होंगे जिन्हें सियासत में उमेश के लगातार बढ़ते कदम रास नही आ रहे थे और उसे अपनी राह का रोड़ा मानकर ‘ पर-कतरने ‘ के उद्देश्य से षडयंत्र में संलिप्त हुए थे । ऐसे कतिपय चेहरे प्रदेश के बड़े नेताओं के समक्ष बेनकाब हुए हैं , जिनके विरुद्ध कार्रवाई आने वाले दिनों में तय है ।

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