रायगढ़ में भाजपा की लुटिया डुबाने गहरा षड्यंत्र….!

ओपी उमेश के खिलाफ लामबंद हुआ भाजपाइयों का गुट

अंततः खामियाजा बीजेपी को ही भुगतना होगा

रायगढ़ । बहती गंगा में सभी हाथ धोने का प्रयास कर रहे है।भाजपा मण्डल अध्यक्ष ज्ञानेश्वर गौतम के इस्तीफे के बाद जिला भाजपा को दागदार बनाने की मुहिम चल पड़ी है । जिला भाजपा अध्यक्ष के उजली छवि पर चारित्रिक दाग लगाने का प्रयास जिले की राजनीति में षड्यंत्र का सबसे बड़ा काला अध्याय साबित होने जा रहा है । जिलाभाजपा दशको से गुटबाजी के घेरे में रही। एक दुसरे को नीचा दिखाने की तमाम कोशिशें हुई लेकिन पहली बार यह एहसास होने लगा कि महिला की शिकायत को आधार बनाकर जिलाभाजपा की जड़ो को हमेशा के लिए कमजोर करने का प्रयास उन भाजपाइयों द्वारा ही जारी है जिनके सामने अपने अस्तित्व का संकट सामने खड़ा हो चुका है । जिलाभाजपा अध्यक्ष पहली बार भाजपा को एकजुट करने की कोशिश में जी जान से जुटे लेकिन अपनी ही आस्तीन से फन उठा रहे सर्पों को उन्होने नज़रंदाज़ कर दिया । पार्टी में परिलक्षित हो रही एकजुटता गुटबाज़ी और साजिशों में लिप्त पुरानी पीढ़ी के नेताओ को रास नही आ रही औऱ सारा ताना बाना भाजपा को कमजोर करने के लिए रचा जा रहा है । जिलाभाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने जिस दमदारी से बयान दिया कि कोई सबूत है तो थाने जाओ…इस बयान के बाद अब तक कोई पीड़िता थाने नही पहुंची । मामले की हवा निकलती देख असंतुष्ट खेमा उमेश अग्रवाल के खिलाफ़ चल रही मुहिम को हवा देकर राजधानी ले जाना चाहता है । जिला भाजपा जिस दमदारी के साथ उमेश अग्रवाल के साथ खड़ी नजर आ रही है अब प्रदेश नेतृत्व को षड्यंत्रकारियों को बाहर का रास्ता दिखाना आवश्यक हो गया है अन्यथा पूरे प्रदेश में इस तरह से महिलाओ की आड़ में साजिश रचने की परम्परा शुरू हो जाएगी । राजधानी जाने के पहले कुछ बेब पोर्टल द्वारा सोशल मीडिया में दावा किया गया कि तीन महिलाओ ने प्रदेश से जांच के लिए आई पदाधिकारी के सामने बयान देने की कोशिश की लेकिन उन्हें रायपुर जाने कहा गया । रायपुर में एक ही पीड़िता के शिकायत की जानकारी सामने आई । अन्य दो युवतियां कौन है, कहाँ है ? किनके सम्पर्क के है ? यह भी जाँच का विषय है । जांच करने व बयान लेने रायगढ़ पहुँची कोसरिया के सामने शिकायत कर्ता महिला को बुलाया गया तब उसने पहले मना किया बाद में जिलाभाजपा कार्यालय से जब शिकायत कर्ता महिला को लेने भेजा गया तो वह अपने घर की बजाय माल धक्का रोड स्थित एक पदाधिकारी के आवास पर मिली । यही पर अन्य दो महिलाओ के होने की जानकारी भी सामने आई है जिससे किसी षड्यंत्र की साजिश स्पष्ट होने लगी । क्या झूठी शिकायतो का ताना बाना यहीं रचा गया ?

मिली जानकारी के अनुसार डर्टी पॉलिटिक्स गैंग का खुलासा हो चुका है।जल्द ही प्रदेश नेतृत्व उन पर सीधी कार्यवाही की तैयारी कर रहा है ताकि डर्टी पॉलिटिक्स को पार्टी के खिलाफ हथियार बनाने से रोका जा सके ।
पीड़ित युवती उमेश अग्रवाल के खिलाफ आखिर पुलिस में शिकायत दर्ज क्यो नहीं करवा रही है ? कहीं उनकी पार्टी में छवि खराब करने का षड्यंत्र तो नही ? इस बात को लेकर जोरो की चर्चा है । इस पूरे मामले में स्थानिय स्तर से प्रदेश स्तर तक कांग्रेस समर्थित बीजेपी नेताओं के काँगेस कनेक्शन की जाँच होनी चाहिए । भाजपा से जुड़े कार्यकर्ताओ को यह बात मालूम है कि ढाई दशको से उमेश अग्रवाल का राजनैतिक सफर ऐसे आरोपो से परे रहा है । तीन दशकों में एक छोटे कार्यकर्ता से जिलाभाजपा अध्यक्ष के पद तक पहुंचने वाले उमेश अग्रवाल भाजपा की राजनीति के लिए तन मन धन से समर्पित माने जाते है । उनके द्वारा चलाये गए नशामुक्ति अभियान की प्रदेश स्तर पर सराहना हुई है । आसन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे उमेश अग्रवाल की उजली छबि को धूमिल करने का प्रयास आखिर कौन कर रहा है ? यह जांच का विषय है। उमेश अग्रवाल के व्यावसायिक प्रतिष्ठान में महिलाऐं कार्यरत है ऐसा स्तर हीन आरोप उन पर कभी नही नही लगा । थाने की बजाय पार्टी फोरम में पीड़िता द्वारा न्याय की गुहार किया जाना औऱ अपनी शिकायतों को मीडिया में प्रकाशित करवाना राजनैतिक षड्यंत्र का ही हिस्सा माना जा रहा है ।

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