किसानों के नाम जारी करोड़ो का खाद गायब :
बैंक खातों से पैसे कटने के बाद किसानों में हड़कंप
शिकायत के बाद भी अधिकारी नही दे रहे हैं कोई जवाब
मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा
रायगढ़। रायगढ़ जिले में किसानों को खाद उपलब्ध कराने के नाम पर एक बड़ा फजीर्वाडा सामने आया है और इसमें किसानों के खातों से रकम कटने के बाद जिले के किसान अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार किसानों ने अपना धान बेचकर उसके पैसे बकायदा एकाउंट में जमा कराए थे और जब विधिवत चेक जमा होनें के बाद राशि उनके खातों में आने के बाद अचानक उसमें से पैसे कटने के बाद किसानों के होश उड़ गए। पीड़ित किसानों के अनुसार उन्होंने संबंधित समितियों से खाद के लिए ऋण लिया ही नही लेकिन उनके खातों से खाद के नाम पर पैसे काट लिए गए और एक-एक किसान के नाम पर कई हजार रुपए कटने के बाद अब पीड़ित किसान जिले के कलेक्टर से लेकर संबंधित अधिकारी को शिकायत करके न्याय की गुहार लगा रहे हैं और उनके शिकायत पर अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। तब किसानों ने सीधे सीधे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपनी शिकायत भेज कर इस पूरे मामले में जांच की मांग करते हुए फजीर्वाडा करने वाले लोगों पर कार्रवाई की मांग तथा उनके पैसे वापस दिलाने की अपील की है।
अधिकारिक सूत्रों से बताया कि रायगढ़ जिले के सारंगढ विधानसभा में स्थित ग्राम उचभिट्ठी गांव के 38 किसानों ने अपनी शिकायत एसडीएम से लेकर कलेक्टर को दी है। सूत्र बताते हैं कि इस शिकायत के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने न तो जांच शुरू की है और न ही किसानों को कोई भरोसा दिलाया है। इस शिकायत में पीड़ित किसानों ने यह लिखा है कि क्षेत्र के समिति प्रबंधकों ने उनके नाम से खाद, बीज और कीटनाशक के नाम से लोन का होना बताया गया है जबकि उन्होंने किसी तरह का खाद, बीज या कोई कीटनाशक लोन में नहीं लिया है। यह खेल सैकड़ो किसानों के साथ हुआ है। कम से कम 107 किसानों ने सारंगढ़ एसडीएम से इसकी शिकायत की है। किसानों को पता भी नहीं चल पाया और उनके नाम से किसने लोन पर खाद उठा भी लिया किसी को पता नहीं। इस संबंध में जब हमने एक समिति प्रबंधक को फोन लगाया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया इसके बाद हमने उन्हें मैसेज भी किया लेकिन कोई रेस्पॉन्स नहीं आया। आरोप यह है कि सब कुछ यहां के रसूखदारों के संरक्षण में किया जा रहा है। हालांकि अभी नाम साफ तौर पर सामने नहीं आये हैं।
समिति प्रबंधकों ने मिलीभगत करके किया घोटाला!
पीड़ित किसानों की मानें तो इसमें समिति प्रबंधकों की बड़ी भूमिका है। उनका कहना है कि किसानों के नाम पर खाद चढ़ाकर बिना समिति प्रबंधकों के सहमति के कोई गड़बड़ी नहीं हो सकती, चूंकि अगर समिति द्वारा उनके नाम पर खाद का लोन लेना दशार्या गया है, तो इससे साफ जाहिर होता है कि समिति के भीतर मौजूद सदस्यों द्वारा उनके नाम का न केवल दुरूपयोग किया गया बल्कि गड़बड़ी करते हुए कई करोड़ रुपए कमा लिये। किसानों ने यह भी बताया कि समिति प्रबंधन के लोगों द्वारा पूरा संचालन किया जाता है और ऐसे में उनकी मिलीभगत बिना इतना बड़ा फजीर्वाडा संभव नही है।
किसानों ने बताया कि यह बिना किसी बड़े सिंडिकेट के संभव ही नहीं कि कोई किसानों के नामपर ऐसे खाद उठा ले और किसी को पता ही न चले। किसानों का यह भी आरोप है कि सरकार किसानों को ज्यादा लाभ देना तो चाहती है लेकिन बीच के कुछ लोग और दलाल, किसानों को परेशान कर सरकार को बदनाम करने पर तुले हैं जबकि कुछ किसानों का यह भी कहना था कि यह काम करने वाले सरकारी लोग ही हैं।
बहरहाल इस मामले में जब हमने जिले के कलेक्टर व सारंगढ़ एसडीएम से बात करनी चाही तो उनसे संपर्क नही हो पाया। लेकिन पीड़ित किसानों की शिकायत पर गंभीरता से नही लेने की जानकारी मिलने के बाद मामला मुख्यमंत्री तक चला गया है।