उत्कल एक्सप्रेस में जहर खुरानी का शिकार हुए मुसाफिर को उतारा गया रायगढ़ स्टेशन पर



रायगढ़ । ट्रेनों में फिर से जहर खुरानी का मामला सामने आने लगा है, इस दौरान उत्कल एक्सप्रेस में एक युवक को नशीले बिस्किट खिलाकर आरोपियों ने उससे नकद 20 हजार रुपए व नया मोबाइल लूट कर फरार हो गए, इस दौरान युवक करीब १२ घंटे तक बेहोश पड़ा रहा है, जब रायगढ़ स्टेशन ट्रेन पहुंची तो यहां उतारने के बाद उसका उपचार कराया गया है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सागर जिला ग्राम सुनैठी निवासी मोहर सिंह लोधी पिता इमारत सिंह लोधी (२५वर्ष) विगत दिनों कमाने खाने के लिए हरिद्धार गया हुआ था, जहां एक धर्मकांटा में नौकरी करता था, इस दौरान २५ फरवरी को उसने अपने घर सुनैठी आने के लिए उत्कल एक्सप्रेस में सवार होकर आ रहा था, इस दौरान सागर पहुंचने से पहले ही एक अज्ञात व्यक्ति उसके पास आया और उसे बातचीत करते हुए दोस्ती कर लिया, इसके कुछ देर बाद ही उक्त व्यक्ति ने अपने बैग से एक बिस्किट का पैकेट निकला और उसे खाने के लिए दिया, जिससे मोहर ने बिस्किट खाकर पानी पिया, इसके कुछ देर बाद ही उसे नींद आने लगी, जिससे वह अपने सीट पर सो गया, इस दौरान उक्त आरोपी ने मोहर के जेब में रखे २० हजार रुपए व उसका नया मोबाइल को पार कर दिया, साथ ही अधिक नशा होने के कारण मोहर करीब १० घंटे तक सोया रहा, जिससे उसे खुराई स्टेशन में उतरना था, लेकिन जग नहीं पाने के कारण नहीं उतर सका। इस दौरान ट्रेन आगे निकल गई, २६ फरवरी को जब उत्कल एक्सप्रेस चांपा स्टेशन पहुंची तो उसका नींद खुला, तब उसने आसपास के यात्रियों से पूछा तो बताया कि यह तो चांपा स्टेशन है, ऐसे में खुद को लूट का शिकार होने की शक में जब अपना जेब टटोला तो उसका मोबाइल व रुपया गायब मिला, ऐसे में उसने किसी तरह रायगढ़ स्टेशन पहुंचा तो अन्य यात्रियों ने उसे यहां उतारा इस दौरान भी उसकी तबीयत कुछ ठीक नहंीं था, ऐसे में उसे मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया।
रेडक्रास संचालक ने किया सहयोग
घटना की जानकारी जब रेडक्रास के संचालक मुकेश शर्मा को हुई तो उन्होंने तत्काल मौके पर पहुंच कर उक्त युवक से उसके घर का फोन नंबर लेकर बात कराया, फिर अस्पताल में उसका उपचार के बाद जब पूरी तरह से स्वस्थ हो गया तो उसे फिर से उत्कल एक्सप्रेस में टिकट करा कर उसके घर भेजा। वहीं मुकेश शर्मा ने बताया कि जहर का असर अधिक हो जाने के कारण वह अचेत हो गया था, लेकिन उपचार के बाद पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद ही उसे भेजा गया है, साथ ही जब तक वह खुराई स्टेशन में उतर नहीं गया तब तक लगातार उससे खबर लेते रहे।

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