मुद्दों से भटकी केन्द्र सरकार,महंगाई से मचा हाहाकार
देश को साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाकर नाकामी से ध्यान हटाने की सियासत
8 साल की उपलब्धि के ढोल मे पोल ही पोल

रायगढ़ । गरीबी हटाओ तथा महंगाई जैसे मुद्दों पर सत्ता मे आई मोदी सरकार सत्ता मिलने के बाद उस तरफ ध्यान ही नहीं दे रही।मध्यम वर्ग को महंगाई की मार सबसे अधिक झेलनी पड़ रही है,क्योंकि उसे सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलता। मुद्रा स्फीति में निरंतर वृद्धि तथा रोजगार में कमी से हालत बिगड़ रही है।आवश्यक वस्तुओं के स्टॉक लिमिट में छूट देने से कालाबाजारी अपने चरम स्थल पर पहुंच गई है। खाद्यान्न तेल,दाल, सब्जी,दवाइयों और पेट्रोल के दामों ने जनता के बजट को बिगाड़ कर रख दिया। वर्तमान सरकार महंगाई पर नियंत्रण पाने में सफल नहीं हुई।महंगाई पर नियंत्रण करने की जगह सरकार आंकड़ों के जरिए अपनी साख बचाने में लगी हुई है।पेट्रोल डीजल की बढ़ती हुई कीमतों को भी प्रतिशत के अनुसार जनता के सामने ला कर ये बताया जाता है कि कोई और सरकार होती तो कीमत ज्यादा होती।

उक्त बयान जिला कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता हरेराम तिवारी ने बढ़ती मंहगाई पर केन्द्र सरकार की नाकामी और अनदेखी को केन्द्रित करते हुए दिया है।अपने बयान मे तिवारी ने कहा कि भाजपा जिस मुद्दे को लेकर सत्ता में आयी थी,उसकी उपेक्षा की गई।सत्ता में पूर्ण बहुमत से आने के बावजूद अगर भाजपा सरकार विपक्ष या अन्य किसी पर दोष ठहराती है तो यह सरकार की नाकामयाबी है। राशन,पेट्रोल-डीजल,रसोई गैस सब महंगे हैं।महंगाई बढऩे के मुख्य कारण कालाबाजारी,भ्रष्टाचार, आपदा,वस्तुओं की मांग व आपूर्ति में अंतर होना है।
कांग्रेस प्रवक्ता तिवारी ने कहा कि 8 साल का कार्यकाल पूरा होने पर केन्द्र के इशारे पर भाजपाई,मोदी सरकार की उपलब्धि का ढोल पीट रहे हैं लेकिन ढोल की पोल जनता के आगे पहले ही खुल चुकी है।आम जनता के लिए जीवन की सबसे बड़ी चुनौती बनी मंहगाई को रोक पाने मे केंद्र सरकार पूरी तरह विफल रही है।सरकार के पास न नीति है और न ही इच्छाशक्ति।महामारी के दौर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढऩे का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है।सरकार उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने में लगी हुई है,परंतु इसका खमियाजा जनता को भुगतना पड़ता है। सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण किया जा रहा है।किसान आंदोलन कर रहे हैं,लेकिन उनकी मांगों पर कोई गौर करने को तैयार नहीं है।आम आदमी महंगाई के बोझ तले दबता जा रहा है।अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डॉलर की तुलना मे भारतीय मुद्रा का अवमूल्यन हो रहा है। इस महामारी में देश की उत्पादन क्षमता कमजोर हुई है,जबकि खुले बाजार में मुद्रा की तरलता से उपभोक्ता मांग लगातार बढ़ रही है।इससे मुद्रास्फीति बढ़ रही है।केंद्र सरकार महंगाई नियंत्रण करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।इसके विपरीत प्रत्येक बजट मे जीएसटी के अलावा अन्य कई प्रकार के सैस एवं उपकर लगा रही है।इसके परिणाम स्वरूप महंगाई बढ़ रही है।इसका सबसे ज्यादा असर गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों पर पड़ रहा है।महंगाई के कारण कई मिडिल क्लास परिवार गरीबी रेखा के नीचे आ गए हैं। लगातार महंगाई बढऩे से सरकार पर भी सवालिया निशान उठ रहे हैं।
हरेराम तिवारी ने कहा कि महंगाई पर नियंत्रण रखने में जहां एक ओर सरकार पूरी तरह विफल रही है,वहीं दूसरी ओर सरकार ने गैस की सब्सिडी हड़प ली।आए दिन पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ाकर जनता को लूटा जा रहा है।जो सरकार स्वयं जनता को लूटने में लगी हो,वह महंगाई पर नियंत्रण कैसे करेगी? सरकार की आर्थिक नीति सदा से ही गलत रही,जिसकी वजह से महंगाई की मार जनता को झेलनी पड़ रही है।यकीनन कहा जा सकता है कि केंद्र सरकार न केवल महंगाई पर काबू पाने में नाकामयाब रही,बल्कि उसकी गलत नीतियों और फैसलों के कारण महंगाई में बेतहाशा इजाफा ही हुआ है।केंद्र सरकार ने जमाखोरी और कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए, जिसका दुष्परिणाम यह है कि आम आदमी को महंगाई का बोझ झेलना पड़ रहा है। वहीं मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए केन्द्र सरकार आम जनता को साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाकर असुरक्षा से भयभीत कर दिया है।स्थिती यह है कि लोगों मे जीवित रहना ही जिंदगी का मकसद और सरकार का सबसे बड़ा उपकार बनता जा रहा है।देश की जनता को दोहरे समस्या मे डालने और राष्ट्र की साख प्रभावित करने के लिए जिम्मेदार केंद्र सरकार के अलावा कौन है?तिवारी ने कहा कि शांति के साथ तरक्की की ओर अग्रसर किसान हितैषी राज्य छत्तीसगढ़ मे भी भाजपा कभी डिलिस्टिंग तो कभी फर्जी मामले सोशल मीडिया पर फैलाकर तनाव बढ़ाने पर अमादा है किंतु भूपेश बघेल के कुशल और दमदार नेतृत्व के आगे ऐसे मंसूबे कामयाब नहीं हो पा रहे।

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