छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार किसान विरोधी – आम आदमी पार्टी

छत्तीसगढ़ को खाद संकट और कालाबाजारी की आग में झोंक दिया है, आरोप

रायगढ़ । छत्तीसगढ़, जिसे देशभर में धान का कटोरा कहा जाता है, आज किसान विरोधी भाजपा सरकार की नीतियों के कारण शर्मसार है, उनकी आत्मा बिलख रही है। किसान खेतों में मेहनत करने के बजाय सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि खेती किसानी और किसान के मुद्दों पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार पूरी तरह असफल हो चुकी है। किसानों को भिखारी बना दिया है। आम आदमी पार्टी ने कहा ये कैसी सरकार है जो अपने किसानों को खाद भी नहीं दे पा रही है और किसान हितैषी होने का दंभ भर रही है। यह आरोप आम आदमी पार्टी का है । जिला प्रशासन को आज सौंपे गए तदाशय के ज्ञापन में उक्त आरोप लगाए गए हैं ।

किसान विरोधी चेहरा उजागर

आम आदमी पार्टी ने कहा कि यह सरकार किसानों को कर्ज और आत्महत्या की तरफ धकेल रही है। अन्नदाता के साथ ऐसा अन्याय लोकतंत्र के माथे पर कलंक है। भाजपा सरकार किसानों की नहीं, बल्कि खाद माफियाओं की सरकार बन चुकी है। किसानों को जहां 266 रुपये की यूरिया की बोरी 750 से 1200 रुपये तक खरीदनी पड़ रही है, वहीं माफिया खुलेआम गोदामों में खेप उतारकर कालाबाजारी कर रहे हैं। सरकार चुपचाप तमाशा देख रही है। यह किसान विरोधी सरकार का असली चेहरा है।

धान का कटोरा हो रहा बर्बाद

धान के कटोरे कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में आज किसान रो रहे हैं। सरकार के सभी इंजन फेल हो चुके हैं। खाद न मिलने से खेत बंजर हो रहे हैं और किसानों के सामने या तो महंगे दाम पर खाद खरीदने या फसल बर्बाद होने की दोहरी मार है। भाजपा सरकार भूल गई है कि किसान ही छत्तीसगढ़ की रीढ़ हैं।

भाजपा सरकार ने घुटने टेक दिए

भाजपा सरकार ने पूरी तरह माफियाओं के आगे घुटने टेक दिए हैं। किसानों की पीड़ा सुनने की बजाय यह सरकार उन्हें लाइन में खड़ा कर अपमान करा रही है। यह सरकार किसान विरोधी है और उसका हर कदम किसानों के खिलाफ साजिश की तरह काम कर रहा है।

आम आदमी पार्टी की मांगें

आम आदमी पार्टी स्पष्ट रूप से कहना चाहती है कि—

  1. खाद कालाबाजारी पर तुरंत कठोर कार्रवाई हो। दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो।
  2. सहकारी समितियों से किसानों को सीधा खाद मिले।
  3. केंद्र से तत्काल अतिरिक्त खाद उपलब्ध कराया जाए।

किसान जाग रहे हैं

आम आदमी पार्टी ने ज्ञापन में आगे चेतावनी दी है कि यदि भाजपा की किसान विरोधी सरकार ने तुरंत सुधारात्मक कदम नहीं उठाए तो प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन होगा। किसान अब चुप नहीं बैठेंगे।

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