नववर्ष की संध्या पर संगीत विद्यालय में भजन संगीत का आयोजन
गीत और गजलों की सुरीली प्रस्तुति ने मोहा मन
रायगढ़। प्रति वर्ष की भांति इस नववर्ष की संध्या पर भी शहर के दरोगापारा स्थित लक्ष्मण संगीत महा विद्यालय में भजन संध्या का आयोजन किया गया,जिसमें गीत और गजल की सुरीली प्रस्तुति ने सभी श्रोताओं का मन मोह लिया। इस आयोजन में संगीत विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। रायगढ के रत्न कलागुरु वेदमणि सिंह ठाकुर के सानिध्य में देर रात तक क्लासिकल म्यूजिक से लेकर सुगम संगीत और गजलों की लय,वाद्य सितार शांत फिजा में गोते लगाती रही।
लक्ष्मण संगीत महाविद्यालय में आयोजन की शुरुआत में संगीत विद्यालय के संचालक व संरक्षक वेदमणि सिंह गुरुजी ने सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं और आयोजन के उद्देश्य के बारे में बताया। इसके बाद कलासाधक छात्र – छात्राओं ने भजन तथा गीत -संगीत की प्रस्तुति देते हुए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।वाद्य यंत्रों मे तबला पर रामायण सिंह सिदार और शांतनु पटेल के साथ वायलिन पर संगत दे रहे थे संगीत विषारद प्रख्यात वायलिन वादक जगदीश मेहर।वहीं पखावज पर डी एल देवांगन के साथ घुंघुरू पर गुणवंत सिंह ठाकुर शामिल थे।
इस आयोजन में कलागुरू वेदमणि सिंह ठाकुर की कई प्रसिद्ध रचनाओं मे शामिल गीत और गजल गाए गए, जिनमें सरस्वती वंदना के साथ कु. ईशा ने “सौगात नई लेकर आया नया साल “और”फनकार तो होते हैं आवाज़ के दीवाने”आदि शामिल थे। वहीं कु.ईश्वरी की प्रस्तुती मे सरस्वती बंदना “जयति हंसवाहिनी के बाद गुरुजी की शानदार रचना मे शामिल ग़ज़ल” सर्द मौसम तेरी दुहाई है, रात भर नीद नहीं आई है” जैसे गीतों और गजलों को सुनाकर सभी का मन मोह लिया और वे अपने आप को गीतों की धुन में खो बैठे।अंत मे प्रसिद्ध गायिका श्रीमती अनीता शर्मा के गीत “नगरी हो अयोध्या की,रघुकुल सा घराना हो”के बाद कार्यक्रम का समापन किया गया।यहां यह बताना लाज़िमी होगा कि कलागुरू वेदमणि सिंह की रचनाओं मे 500 से भी अधिक सरस्वती वंदना,3 हजार से भी अधिक गजलें और स्वरबद्ध गजलें तकरीबन 8 हजार तक शामिल हैं जिसके कारण संस्कृति और कला के क्षेत्र मे रायगढ़ पूरे देश प्रदेश मे समृद्ध और गौरवशाली है।आयोजन के अंत में कलागुरू ने संगीत विद्यालय से जुड़े सभी शिष्यों को धन्यवाद देते हुए नव वर्ष के आयोजन की सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह आयोजन संगीत विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों की प्रतिभा को प्रदर्शित करने का एक अच्छा अवसर था और उन्हें उम्मीद है कि आगे भी ऐसे आयोजन होते रहेंगे। इस प्रकार, नववर्ष की संध्या पर संगीत विद्यालय में भजन संगीत का आयोजन एक बड़ी सफलता थी और सभी ने इसका आनंद लिया।कार्यक्रम को सफल बनाने मे चक्रधर संगीत महाविद्यालय की टीचर काजल कौशिक,भवानी शंकर,संजय मिरानिया, रोहित कुमार साह,नटवर शर्मा जय कुमार यादव, हरेराम तिवारी आदि की उत्कृष्ट भूमिका रही।

