कांग्रेसियों के पेट में क्यों उठ रहा मरोड़-उमेश


‘द कश्मीर फाइल्स’ पर मचे बवण्डर पर भाजपाध्यक्ष ने दागे सवाल


पूछा-जयश्रीराम के नारे से इस्लाम को कैसा खतरा ?


रायगढ़। कश्मीरी पंडितों पर हुये अत्याचार को दिखाने वाली फिल्म द कश्मीर फाइल्स थियेटर में देखी ’ इस फिल्म में भारत माता की जय व जय श्री राम के नारे सुनकर काँग्रेस कार्यालय में खलबली मचना स्वाभाविक है ’ काश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार के दौरान केंद्र सरकार को भाजपा के समर्थन का आरोप लगाने वाले काँग्रेस महामंत्री को मुँह तोड़ जवाब देते हुए जिलाभाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने कहा कि जय श्री राम व भारत माता की जय नारा लगते ही काँग्रेस को इस्लाम खतरे में नजर आने लगता है उमेश अग्रवाल ने बताया कि जगमोहन की नियुक्ति 19 जनवरी 1990 को हुई और इससे पहले 1989 तक कश्मीर घाटी के हालात पूरी तरह बिगड़ चुके थे। पाकिस्तान परस्त दर्जनों आतंकी संगठनों घाटी में समानांतर सरकार चलाना शुरू कर चुके थे। इन संगठनों में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट मुख्य था। केंद्र में राजीव गांधी की सरकार के दौरान ही जेकेएलएफ के आतंकियों ने कश्मीरी हिंदूओं पर हमले शुरू कर दिये थे। जगमोहन की तैनाती राज्यपाल के तौर पर 19 जनवरी 1990 से पहले कश्मीर घाटी के प्रमुख राष्ट्रवादी नेता पंडित टीकालाल टपलू की हत्या 14 सितंबर 1989 को कर दी गई थी ’ 4 नवंबर 1989 को टपलू की हत्या के मात्र सात सप्ताह बाद जस्टिस नीलकंठ गंजू की हत्या कर दी गयी। पं० नीलकंठ गंजू ने मकबूल बट को फांसी की सजा सुनाई थी ’ 4 जनवरी सन 1990 को स्थानीय उर्दू अखबार में हिज्बुल मुजाहिद्दीन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कश्मीरी पंडितों या तो इस्लाम कुबूल करो या फिर घर छोड़कर चले जाओ । 26 जनवरी सन 1990 को भारत अपना 38 वाँ गणतंत्र दिवस मना रहा था उस समय कश्मीर के मूलनिवासी कश्मीरी पण्डित अपने खून एवम् मेहनत से सींचा हुआ कश्मीर छोड़ने को विवश हो गये थे, वो कश्मीर जहाँ की मिट्टी में पले बढ़े थे उस मिट्टी में दफन होने का ख्वाब उनकी आँखों से टूटता जा रहा था ’ 26 जनवरी की रात कम से कम 3,50000 हजार कश्मीरी पण्डितो ने एक रात में पलायन किया । 29 जनवरी तक घाटी एकदम से कश्मीरी पण्डितों से विहीन हो चुकी थी लेकिन लाशों के मिलने का सिलसिला रुक नहीं रहा था. 2 फरवरी सन 1990 को राज्यपाल ने साफ साफ शब्दों में लिखा था कि अगर केंद्र ने अब कोई कदम ना उठाये तो हम कश्मीर गवाँ देंगे इसकी जानकारी मिलते ही बीजेपी के नेता अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ता प्रधानमंत्री कार्यालय पहुँच कर आमरण अनशन पर बैठ गया जहाँ जहाँ काँग्रेस की सरकार रही इतिहास के पन्ने पलटे खून से सना नजर आएगा लेकिन भाजपा शासन में कभी दंगे नही होने दिए ।
कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार व पलायन के सच को इस फिल्म के जरिये दिखाने का साहस किया गया जिसे सविनय देखने का आग्रह ओपी चौधरी ने किया है । भारत माता की जय व जय श्री राम के नारो से कांग्रेस के पेट मे दर्द उठना स्वाभाविक है ’ पूरे देश को काश्मीर का दर्द देने वाली कांग्रेस ने कोई सबक नही लिया और न ही अपना इतिहास सुधारने की कोशिश की । जनता का पूर्ण बहुमत मिलने का सदुपयोग मोदी सरकार धारा 370 व तीन तलाक कानून को हटाकर किया ’ भाजपा को किसी भी धर्म से आपत्ति नही और हिन्दू संस्कृति से प्रेम अस्वीकार्य नही है लेकिन धर्म की आड़ में पलने वाले आतंकवाद व अन्याय को स्वीकार्य नही किया जा सकता।

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