पंचतत्व में विलीन हुए कला गुरु, अंतिम यात्रा में उमड़ा जन सैलाब


राजकीय सम्मान के हकदार थे वेदमणि,कलाकारों में नाराजगी

रायगढ़ । प्रसिद्ध कलागुरु वेदमणि सिंह ठाकुर का 9 जून को सुरलोक गमन हो गया।उनकी अंतिम यात्रा 10 जून को दरोगापारा स्थित निवास से निकाली गई।वेदमणि गुरुजी‌ को विदाई देने जनसैलाब उमड़ पड़ा। उन की‌ अंतिम यात्रा में‌ शहर,जिला सहित प्रदेश भर से भारी संख्या में लोगों ने उपस्थित होकर उन्हें श्रद्धांजलि दी,जो उनकी लोकप्रियता और समाज में उनके योगदान का प्रतीक है।
इसके पहले 9 जून को वेदमणि सिंह ठाकुर के अवसान की खबर ने समूचे नगर को शोकाकुल कर दिया।अंतिम दर्शन हेतु बेदम गुरुजी का पार्थिव शरीर उनके निवास पर रखा गया था , जहां गुरुजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने लोगों का तांता लगा रहा। 10 जून को उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे,जिनमें उनके शिष्य,प्रशंसक और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल थे।लोगों ने कला गुरु को श्रद्धांजलि देते हुए उनके योगदान को याद किया और उनके साथ बिताए गए पलों को साझा किया। मंगलवार को पूर्वाह्न 10 बजे कयाघाट मुक्तिधाम में कलागुरु को पंचतत्व में विलीन होता देख उपस्थित जनसमूह के नेत्र सजल हो उठे।सभी ने कृतज्ञ भाव से उन्हें भावपूर्ण विदाई दी।कलागुरु वेदमणि सिंह ठाकुर ने अपने जीवनकाल में कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया और कई पीढ़ियों को प्रेरित किया।उनकी विरासत और शिक्षाएं आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेंगी।उनके कलासाधक शिष्यों मे शुमार,मनहरण सिंह ठाकुर,जगदीश मेहर,निमाई चरण पंडा,रामलाल बरेठ,सुनील वैष्णव,बासंती वैष्णव,गणेश कछवाहा,सुरेंद्र सिंह ठाकुर,चंद्रा देवांगन,डी एल देवांगन, तरुण बघेल,मनोज श्रीवास्तव,राकेश शर्मा,निशा शर्मा,देवेश शर्मा,लीलाधर वैष्णव, ईश्वर यादव,सुनील गुप्ता,रामायण सिंह सिदार, गोविंदमिश्रा जज साहब, प्रोफे.क्रांतिकुमार तिवारी,हरेराम तिवारी आदि ने भावुक होते हुए कहा कि कलागुरु के निधन से समाज में एक शून्य उत्पन्न हुआ है,लेकिन उनकी यादें और कार्य हमेशा के लिए अमिट रहेंगे।अंत्येष्ठि उपरांत मुक्तिधाम मे कलागुरू की आत्मशांति के लिए 2 मिनट मौन के साथ एक शोक सभा आयोजित कर उनके बेहद करीबी रहे जगदीश मेहर,प्रो.अंबिका वर्मा,पूर्व निगम सभापति सुभाष पांडेय,नंदलाल त्रिपाठी,उमाशंकर पटेल,तरुण बघेल,श्याम नारायण श्रीवास्तव,कमल बहिदार,किशोर बारीक,हरेराम तिवारी,जगदीश मेहर आदि गणमान्य जनों ने शोक सभा को संबोधित करते हुए दिवंगत कलागुरू को श्रद्धांजलि दीऔर परमात्मा से प्रार्थना की,उन्हें, परम् गति प्रदान करें एवं पीड़ित परिवार को इस बज्रघात को सहने की शक्ति प्रदान करें।अंत मे संगीत विशारद जगदीश मेहर ने दिवंगत कलागुरू का सम्मान,लय बद्ध चंद पंक्तियों “गुरु की महिमा कौन बखाने”सुनाकर किया।उन्होंने कहा कि कलानगरी रायगढ़ की सांस्कृतिक विरासत बेदम की सदैव ऋणी रहेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *