कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्मृति टूर्नामेंट में खरसिया बना सिरमौर  केके इलेवन को हराकर जीता खिताब

रायगढ़ ।  स्व कर्नल विप्लव त्रिपाठी की शहादत को समर्पित उनकी याद में आयोजित रात्रि कालीन टेनिस बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट का दूसरा संस्करण अपने शानदार समापन के साथ इतिहास में दर्ज हो गया । 20 नवंबर की रात खिताबी मुकाबले में केवाईसी खरसिया ने केके इलेवन को हराकर ‘कप’ पर कब्जा किया । इस अवसर पर मुख्यअतिथि के रूप में  स्व विप्लव त्रिपाठी के माता-पिता श्रीमती आशा त्रिपाठी और सुभाष त्रिपाठी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी सुनील अग्रवाल (लेन्ध्रा) ने की । विशिष्ट अतिथियों में कर्नल विप्लव त्रिपाठी के परिजन श्रीमती ललिता त्रिपाठी, कर्नल अनय त्रिपाठी सहित सरनदीप सिंह सलूजा, मनोज सतपथी, राकेश तालुकदार और अन्य गणमान्य लोग मंच पर मौजूद थे ।

शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि
कार्यक्रम का शुभारंभ शहीद विप्लव त्रिपाठी, शहीद अनुजा त्रिपाठी और शहीद अबीर त्रिपाठी की तस्वीर पर दीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि से हुआ। इसके बाद मोक्ष अकादमी के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति गीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम ने माहौल को संजीदा बना दिया। इस उम्दा प्रस्तुति के लिए मोक्ष अकादमी को 5100 रुपये और स्मृति चिन्ह से मुख्य अतिथियों ने सम्मानित किया।

फाइनल मुकाबले का रोमांच
फाइनल मैच में टॉस जीतकर खरसिया ने पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। ओपनिंग बल्लेबाज अमित यादव और रवि दास ने तेजतर्रार शुरुआत की, जिससे खरसिया को अच्छी स्थिति में रखा। हालांकि, अमित यादव 22 रन बनाकर आउट हो गए, जबकि रवि दास ने 30 रन की अहम पारी खेली। इसके बाद, केके इलेवन के गेंदबाजों पवन, शारुख, अन्नू और अमन ने शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन करते हुए दो-दो विकेट लेकर खरसिया के बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा और टीम को 92 रनों पर समेट दिया।93 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी केके इलेवन की शुरुआत बेहद कमजोर रही, और टीम महज 21 रन पर दो प्रमुख विकेट गंवा बैठी। इस दौरान खरसिया के गेंदबाजों ने जबरदस्त आक्रमण जारी रखा। इसके बावजूद, केके इलेवन ने हार मानने की बजाय आखिरी तक संघर्ष किया, लेकिन गेंदबाज अनिल ने मैच में निर्णायक भूमिका निभाते हुए शानदार गेंदबाजी की। केके इलेवन केवल 74 रन ही बना सकी। इस प्रकार, खरसिया ने यह मुकाबला 18 रनों से जीतकर शहीद कप पर कब्जा जमा लिया।

उत्साह और आतिशबाजी से सजी शाम
मैच के दौरान हर चौके-छक्के और विकेट पर दर्शकों का जोश देखते ही बनता था। दर्शकों ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए जोरदार तालियों और नगद पुरस्कारों की बौछार कर दी। मैदान में हर शानदार प्रदर्शन पर उत्साह का शोर गूंजता रहा। विकास पाण्डेय, योगेश गुप्ता, और दीपक चंद्रा की शानदार कमेंट्री ने खेल को और अधिक जीवंत और रोमांचक बना दिया। खरसिया की जीत के बाद आतिशबाजी और ढोल-नगाड़ों ने पूरे माहौल को जश्न में बदल दिया।

अतिथियों का स्नेहपूर्ण संदेश
समापन समारोह में श्रीमती आशा त्रिपाठी ने भावुक होकर कहा, “जब भावनाएं प्रबल हो जाती हैं, तब शब्द कम पड़ जाते हैं। मुझे विश्वास है कि आप मेरी मौन भाषा को समझेंगे।” उन्होंने शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी खेल समिति की प्रशंसा करते हुए कहा कि समिति ने एक वर्ष में शानदार प्रगति की है और यह आने वाले वर्षों में नई ऊंचाइयों को छुएगी। उन्होंने आयोजन से जुड़े सभी सदस्यों और दर्शकों को अपना परिवार मानते हुए आशीर्वाद और शुभकामनाएं दीं। सुभाष त्रिपाठी ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा, “दर्शकों के जोश और समर्थन ने खिलाड़ियों में नई ऊर्जा भरी। यह आयोजन एक अद्वितीय अनुभव है, और समिति की मेहनत का परिणाम हम सबके सामने है। अगले साल शहीद कप के सीजन-3 में फिर मिलेंगे।” विशिष्ट अतिथि मनोज सतपथी ने कहा, “शहीद विप्लव त्रिपाठी जैसे वीर सपूत को जन्म देने वाले माता-पिता धन्य हैं।

इनामों की बौछार
फाइनल मैच के बाद विजेता टीम और उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। टूर्नामेंट के मैन ऑफ द सीरीज का खिताब कैलाश प्रधान ने अपने नाम किया, वहीं फाइनल मैच के मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार अमित यादव को मिला। व्यक्तिगत पुरस्कारों में बेस्ट कैच का अवार्ड ऋषभ पाण्डेय, बेस्ट विकेटकीपर का पुरस्कार सौरभ, बेस्ट फील्डर का सम्मान मुकेश, बेस्ट बैट्समैन का खिताब रविदास और बेस्ट बॉलर का पुरस्कार रवि सिंह को मिला। उपविजेता टीम केके इलेवन को 50 हजार रुपये और ट्रॉफी से नवाजा गया, जबकि विजेता टीम खरसिया को 1 लाख रुपये और ट्रॉफी से पुरस्कृत किया गया। पत्रकार विकास पाण्डेय की शानदार कमेंट्री और मंच संचालन ने समारोह में चार चांद लगाए। उनकी इस अद्वितीय भूमिका के लिए उन्हें वार्ड नंबर 33 के पार्षद प्रतिनिधि, भाजपा नेता रंजू संजय ने ₹8100 से पुरस्कृत किया और समिति ने स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया। फाइनल मैच के अतिथि अंपायर अरविंद शर्मा को स्मृति चिन्ह देकर अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।

टूर्नामेंट के अहम किरदार
स्व कर्नल विप्लव त्रिपाठी खेल समिति की अगुवाई में यह आयोजन बेहद सफल रहा। समिति के अध्यक्ष दीपांशु पाणिग्राही और उनके सहयोगी देवेंद्र, विशाल, जावेद रंगरेज, सौरभ, ऋषभ, राजू, दीपक चंद्रा, कैलाश, योगेश, नवपाल, सुकान्त, टिंकू, उज्जवल, अंकुर, छोटे, ओगी, भवानी, विकास, आदिल और उनके कई साथियों की मेहनत के कारण यह टूर्नामेंट सफलता के साथ संपन्न हुआ।

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