धर्मांतरण के खिलाफ भाजयुमो का जबरदस्त प्रदर्शन

कार्रवाई के लिए दबाव बनाने जिला भाजपाध्यक्ष ने अफसरों को जमकर लताड़ा

धर्मान्तरण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही करने की उमेश अग्रवाल ने दी चेतावनी

रायगढ़ । जूटमिल थाना क्षेत्र अंतर्गत मिट्ठूमुड़ा के स्थित एक घर के भीतर धर्मांतरण करने प्रार्थना सभा आयोजित किया गया। भाजयुमो सदस्य सही कई भाजपा नेताओं ने पहुंच कर वहां विरोध प्रदर्शन किया। धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए जिला भाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने धर्मांतरण करने में शामिल लोगों को दो टूक कहा कि प्रदेश में अब कांग्रेस सरकार बदल चुकी है और विष्णु देव साय सरकार आ गई है जो किसी भी कीमत पर धर्मांतरण को स्वीकार नहीं करेगी। भारतीय न्याय संहिता के तहत भी धर्मांतरण को संज्ञेय अपराध माना गया है और कानून अपने हाथ में लेने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए। युवा भाजपा नेता ने कहा धर्मांतरण संवेदनशील मुद्दा है भाजपा इस मुद्दे को सख्ती से निपटना जानती है। धर्मांतरण में शामिल लोग समय रहते चेत जाए अन्यथा इसका दुष्परिणाम झेलने तैयार रहे। शिक्षा और स्वास्थ्य की आड़ में प्रार्थना सभा कर धर्मांतरण किया जा रहा है। बटेंगे तो कटेंगे बयान को दोहराते हुए कहा हिंदुत्व को कमजोर करने के लिए ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण पर मिशन की तरह कार्य कर रही है । भोले – भाले हिंदू धर्म से जुड़े लोगो को चिकित्सा स्वास्थ्य शिक्षा का प्रलोभन देकर बड़े पैमाने पर धर्मांतरण किया जा रहा है। भाजपा यह गैर कानूनी कार्य स्वीकार्य नहीं करेगी। बढ़ते धर्मांतरण पर सख्ती से रोक लगाने की आवश्यकता जताते हुए जिला भाजपा अध्यक्ष ने कहा आस पास धर्मांतरण से जुड़े संदिग्ध गतिविधि होने पर तत्काल सूचित करे जिससे धर्मांतरण की गतिविधियों पर कानून सम्मत रोक लगाई जा सके ।

शहर में घटित धर्मांतरण के मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष के तेवर एक बड़ा संदेश दे रही है‌। पुलिस के आला अधिकारी पर कार्रवाई के लिए दबाव बनाना ना केवल राजनैतिक तौर पर सही है बल्कि इस दबंगई से अध्यक्ष महोदय की लोकप्रियता में आशातित इजाफा भी होगा । अध्यक्ष श्री अग्रवाल के मौके पर पहुंच पुलिस अफसरों से ‘हाट टाक’ करने के बाद ही धर्मांतरण करने वालों पर कार्यवाही का दबाव बना और पब्लिक में भी कारगर मैसेज गया।
इस पूरे मामले में अंशु टुटेजा भी प्रशंसा का हकदार है । वो बड़ी शिद्दत से इस गंभीर और संवेदनशील मामले में हमेशा सबसे पहले आकर जूझता नजर आया है और निर्णायक लडाई लड़ने की कोशिश कर रहा है।

गौरतलब है कि शहर में बढ़ते ऐसे मुद्दे साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने का काम कर रहे हैं। जशपुर में सीएम के विरुद्ध मसीही समाज का बड़ा प्रोटेस्ट इसका मजबूत उदाहरण है। वहीं जब शहर में मिशनरी एजेंटों के द्वारा बारंबार ऐसे षड्यंत्र किये जा रहे हैं तो सरकारी खूफिया तंत्र को भी ब्लाक और पंचायत स्तर पर अपनी निगरानी बढ़ानी चाहिए । ग्रामीण और वनवासी अंचल में धर्मांतरण की घटनाएं लगातार हो रही हैं और निगरानी के अभाव में नजर नहीं आ रही । बांग्लादेशी घुसपैठ बढ़ने के साथ ही ज़िले में कई तरह के सामाजिक खतरे और पुलिसिंग की चुनौती बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता ।

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