विष्णुदेव साय होंगे सूबे के नए मुखिया

सरपंच से मुख्यमंत्री तक का रोमांचक सफर
रायगढ़ । विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे । नवनिर्वाचित विधायकों के बीच उनके नाम पर आम सहमति हो गई है । विष्णु देव साय ने जशपुर जिले की कुनकुरी विधानसभा सीट से चुनाव जीता है। उन्होंने कांग्रेस के सिटिंग विधायक यूडी मिंज को 25 हजार से अधिक वोटो से चुनाव हराया है। वे दो बार प्रदेश अध्यक्ष, तीन बार लोकसभा सांसद और एक बार केंद्रीय राज्यमंत्री रह चुके है।
विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले की कुनकुरी विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव जीता है। उन्होंने कांग्रेस के सिटिंग विधायक व संसदीय सचिव यूडी मिंज को चुनाव हराया है। 59 वर्षीय विष्णुदेव साय के पिता का नाम रामप्रसाद साय है। वे ग्राम बगिया पोस्ट बंदरचुआ तहसील कांसाबेल जिला जशपुर के रहने वाले है।
विष्णुदेव साय का मोबाइल नंबर 9425251933 है। उन्होंने लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल कुनकुरी,माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश से सन 1981 में 11 वी उत्तीर्ण की है। उनका विवाह कौशल्या साव के साथ हुआ है। विष्णुदेव साय कृषक है। इसके अलावा उन्हें किराया व सांसद व विधायक रहने के दौरान का पेंशन मिलता है।
विष्णुदेव साय ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत 1989 में ग्राम पंचायत बगिया के पंच के रूप में की थी। 1990 में उन्होनें पहली बार जिले के तपकरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत कर,अविभाजित मध्यप्रदेश में विधायक बने। 1999 में 2014 तक लगातार तीन बार,रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। 2014 में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले केन्द्र सरकार में इन्हें केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री का उत्तरदायित्व दिया गया था। साय को संगठन में काम करने का भी लंबा अनुभव है। पार्टी ने उन्हें 2006 और 2020 में दो बार प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सौंपा। वर्तमान में विष्णुदेव साय,भाजपा के राष्ट्रीय कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।
विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले की कुनकुरी विधानसभा से चुनाव लड़ा था। उनके खिलाफ कांग्रेस के प्रत्याशी यूडी मिंज ने चुनाव लड़ा था। यूडी मिंज संसदीय सचिव थे। उन्होंने जशपुर के प्रसिद्ध सोगड़ा आश्रम की खिलाफत करते हुए बयान जारी किया था। सोगड़ा आश्रम की बड़ी मान्यता है। यही वजह है कि लोग उनके खिलाफ हो गए थे। इस विधानसभा क्षेत्र में सड़को की स्थिति जर्जर है, इसका भी नुकसान उठाना पड़ा। चुनाव से पहले भाजपा की महिला कार्यकर्ता को भाजपा का प्रचार करने पर धमकाने के मामले में यूडी मिंज और उनके समर्थकों के ऊपर अपराध दर्ज हुआ। जिससे उनकी छवि खराब हुई और इसका भी नुकसान उन्हें उठाना पड़ा। इस विधानसभा में सरकार के खिलाफ सरकारी कर्मचारियों ने जमकर वोटिंग की। कुनकुरी विधायक द्वारा अपने क्षेत्र के अलावा जिला मुख्यालय में भी काफी ज्यादा दखल देना उन्हें भारी पड़ा। कार्यकर्ताओं की जिस टीम के साथ उन्होंने काम किया उनकी हरकतों की वजह से कुनकुरी में गुंडाराज जैसी बातें उठने लगी थी। दुलदुला में डॉक्टर से मारपीट, अघोर आश्रम को लेकर विवादास्पद बयान, समर्थकों द्वारा दुलदुला में धार्मिक आयोजन की बैठक में बाधा पहुंचाना और आचार संहिता के दौरान खुद भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता को धमकाने के मामले में वोटरों का मूड पूरी तरह से बदल गया था।
विष्णु देव साय ने यहां शिक्षा सड़क व स्वास्थ्य जैसी बुनियादी से सुविधाओं की बढ़ोतरी में प्राथमिकता का वादा कर चुनाव लड़ा था। विष्णु देव साय बड़े कद के नेता है। तीन बार सांसद रहें, केंद्रीय मंत्री रहें और पार्टी के दो बार प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। वोटरों को अपने विधानसभा से राज्य मंत्रिमंडल में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिलने का भरोसा जगा और उन्होंने साय के लिए जमकर वोटिंग की।
कुनकुरी विधानसभा में कुल 158455 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जिसमें से विष्णुदेव साय को 87604 (54.9) वोट मिले। जबकि यूडी मिंज को 62063 वोट(40% से भी कम) वोट मिले। उन्हें 25541 वोटो से चुनाव हारना पड़ा। तीसरा स्थान आप पार्टी के लियोस मिंज को मिला। उन्हें 1945 वोट मिले। नोटा को 2531 वोट मिले। कुल उम्मीदवार यहां 11 थे।