विधायक प्रकाश के आरोपों पर जिला भाजपा अध्यक्ष का जवाबी हमला
बिल्ली के भाग से छींका बार बार नही टूटता……! वनवास के लिए तैयार रहे विधायक – उमेश अग्रवाल

रायगढ़ । जिला भाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने कहा पराजय की आशंका ने कांग्रेस और उसके अधिकृत प्रत्याशी के होश उड़ा दिए है । इसी वजह से बौखलाहट में विपक्षी उम्मीदवार के खिलाफ स्तरहीन व अनर्गल टिप्पणी करने पर आमादा हो गए हैं । उमेश अग्रवाल ने कहा भाजपा उम्मीदवार ओपी चौधरी के खिलाफ उनका यह प्रलाप ना केवल कांग्रेस को गर्त में ले जा रहा है बल्कि कांग्रेस की शिकस्त को भी सुनिश्चित कर दिया है । अपने पिछले पांच साल के कार्यकाल के दौरान असामाजिक तत्वों को ही बढ़ावा देने वाले प्रकाश नायक ने ओपी चौधरी जैसे साफ सुथरे व सर्व स्वीकार्य चेहरे पर कीचड़ उछाल कर ओछी राजनीति की शुरुवात की है। दूसरों पर मिथ्या आरोप लगाने से पहले प्रकाश नायक को यह बताना चाहिए कि अपने पांच साल के कार्यकाल में वसूली, धांधली और कमीशनखोरी के अलावा और किया ही क्या है ? कौन से विकास कार्य किये हैं । मेनिफेस्टो में संजय काम्प्लेक्स के जीर्णोद्धार की दुहाई देने वाली कांग्रेस निर्माण के नाम पर एक ईंट तक नही रखवा पाई । ठेका स्वीकृत होने के बावजूद कमीशन नही मिलने के चलते ही संजय कॉम्प्लेक्स का जीर्णोधार परवान नही चढ़ पाया । केलो बांध का पानी किसानों तक पहुंचाने का वादा घोषणा पत्र तक ही सीमित रह गया । महाआरती का ढोंग रचकर नागरिकों को भरमाने व केलो प्राधिकरण की मांग को अनसुना कर देने वाली सरकार के नुमाइंदे नागरिकों को बताएं कि केलो के विकास में उनका क्या योगदान है ? जिला भाजपा अध्यक्ष ने कहा सड़कों की दुर्दशा भला आज किसी से छिपी है ! रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र प्रदेश की एकमात्र सीट है जहां तीन जगहों पर सड़क नहीं होने से ग्रामीण मतदान बहिष्कार की बात कर रहे हैं। प्रकाश नायक को क्षेत्र की जनता से वोट नहीं बल्कि माफी मांगनी चाहिए । अपने घोषणा पत्र में संजय कॉम्लप्लेस के निर्माण का दावा करने वाले प्रकाश नायक को यह बताना चाहिए कि शासन से संजय मार्केट के नाम पर 14 करोड़ रुपए स्वीकृत होने के 2 साल बाद भी शहर को अब तक एक व्यवस्थित डेली मार्केट क्यों नहीं मिल पाया ? इतने संसाधन, राजस्व के बाद शहर में प्रदूषण खुली आंखों से देखा जा सकता है ।

बेटे का पुलिस के समक्ष समर्पण समाजसेवा की खातिर नही …
पहले एक होटल में चिकित्सकों से मारपीट और फिर थाने में घुसकर पुलिस आरक्षक से मारपीट करने वाले अपने बेटे को अपराधिक मामले में सरेंडर करने को अपनी उपलब्धि बताने वाले प्रकाश नायक बतौर जनप्रतिनिधि अपने साथियों , बेटे को संस्कार और अनुशासन नहीं सीखा पाये तो वह शहर और विधानसभा क्षेत्र के युवाओं को शिक्षा संस्कार और दिशा कैसे दे पाएंगे ? नगर निगम के विकास कार्यों में कमीशन खोरी के लिए उनका हस्तक्षेप बच्चा – बच्चा जानता है। केलो नदी की चौपाटी परअवैध तरीके से दुकान बनवा कर जनता के लाखों रुपये फूँकवा दिए ।जिसकी कोई उपयोगिता नही रह गई। ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर पांच साल दुकानदारी करने वाले प्रकाश नायक 13 साल प्रदेश की सेवा करने वाले उन ओपी चौधरी पर सवाल उठा रहे हैं जिन्हें खुद कांग्रेस के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सम्मानित कर चुके हैं।
सट्टे के कारोबार में लिप्त पार्टी के प्रत्याशी अपने काम क्यो नही बताते…?
ओपी चौधरी आम जनता के सामने केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियां गिना कर गौरवान्वित होते हैं। प्रकाश को इस बात पर शर्मिंदगी होनी चाहिए कि वो ऐसी पार्टी और प्रदेश सरकार का हिस्सा हैं जिसने प्रदेश के युवाओं को सट्टे की लत लगाई है। परिवारों को बर्बाद कर रही है । गोबर के नाम पर घोटाले करती है। ओपी चौधरी पर आरोप लगाने के बजाय प्रकाश नायक को अपने काम गिनाने चाहिए ।
शिक्षित होते तब ना 54 और 19 किलोमीटर का अंतर पता होता…
ओपी चौधरी को बाहरी बता कर स्वयं को जग हंसाई का पात्र बना लेने वाले प्रकाश नायक की बुनियादी शिक्षा और संस्कार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें जिला मुख्यालय से 54 किलोमीटर की दूरी और 19 किलोमीटर की दूरी का फर्क भी नही मालूम । प्रकाश नायक जिस गांव से संबंध रखते हैं वह बरमकेला थाना क्षेत्र में आता है । रायगढ़ से उसकी दूरी 54 किलोमीटर है जबकि ओपी चौधरी शहर के कोतरा रोड थाना क्षेत्र के बायंग गांव के निवासी हैं जो शहर से 19 किलोमीटर दूर है । ऐसे में ओपी चौधरी पर बाहरी होने का आरोप लोगों की नज़र में हास्यास्पद ही है ।
ओपी चौधरी की योग्यता और प्रतिभा का कायल तो समूचा देश है । इसे जिले व क्षेत्र के कांग्रेसी भी बखूबी महसूस करते हैं लेकिन सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर लेना उनके प्रत्याशी के लिए ही घातक हो जाएगा । मतदाता इस बात को बहुत अच्छे से समझ रहे है तभी तो विधायक के बयान को भी छुटभैया कांग्रेसियों की विज्ञप्ति की तरह कोई तवज्जो नही दे रही है । यूथ आइकॉन ओपी चौधरी के विज़न का विरोधियों के पास कोई जवाब नही है क्योंकि एक्सीडेंटल विधायक बने उनके नेता के पास कोई विज़न ही नही है । किसी की लाइन छोटी करने के प्रयास में कोई बड़ा नही बन सकता , बड़ा बनने के लिए अपनी लाइन बढ़ाना जरूरी है । इतनी छोटी सी बात भी विधायक की समझ मे नही आना दुर्भाग्यपूर्ण है । बिल्ली के भाग से छींका टूटा सो पांच साल नुमाइंदगी कर ली अब तो विधायक के आगे वनवास ही है ।