नायक की परिभाषा में अब राम नही रावण  बैठ रहा फिट – ओपी

कहा – सतयुग से ही धर्म की अधर्म पर विजय होती रही

यूथ आइकॉन की मौजूदगी मेंशहीद विप्लव त्रिपाठी मिनी स्टेडियम एवम नटवर हाई स्कूल मैदान में रावण दहन आयोजन सम्पन्न

रायगढ़ । स्टेशन चौक युवा समिति एवम चक्रधर नगर कला समिति द्वारा आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में भाजपा प्रत्याशी ओपी चौधरी बतौर मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि समाजसेवी सुनील लेंध्रा के साथ शामिल हुए।
आयोजन की शुरुवात श्री चौधरी ने भगवान श्रीराम की पूजा – अर्चना से की उसके बाद पंडित मोनू तिवारी ने शस्त्र पूजन करवाया। पूरा समूचा स्टेडियम जय – जय श्रीराम के जयकारे से गूंज उठा।मुख्य अतिथि की आसंदी से आम जनता को दशहरा की बधाई देते हुए कहा चाहे त्रेता युग हो या फिर द्वापर युग अधर्मियो की शक्ति या संख्या मायने नही रखती उन्हे सदा ही परास्त होना पड़ा है। ओपी चौधरी ने कहा सतयुग में प्रभु राम लोक नायक रहे आज आधुनिक युग में नायक की परिभाषा में राम नही रावण फिट बैठ रहा है क्योंकि सही मायने में राम लोक नायक थे । उन्होंने वंचितों दलितों वानर सेना के साथ उस दौर के त्रिलोक पति सामर्थ्यवान रावण के युद्ध लड़ कर परास्त किया जो उनसे अधिक शक्तिशाली था। धर्म अधर्म के मध्य लड़ाई युगो युगों के चली आ रही है । त्रेता युग में भगवान राम ने रावण पर जीत हासिल कर धर्म की स्थापना की वही द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण पांच पांडव के साथ कौरव के साथ महाबली योद्धाओं को धर्म युद्ध में परास्त किया। लोकतंत्र में भी अच्छाई और बुराई के मध्य लड़ाई जारी है लोकतंत्र में युद्ध का निर्णय आम जनता तय करती है । ओपी चौधरी में आम जनता को विजयदशमी पर्व की बधाई देते हुए कहा आज के रावण पैसे, पद, वर्दी अथवा ओहदे रूपी शक्ति अर्जित कर उसके दुरुपयोग से पूरे समाज को ही पाप की लंका में बदल रहा है। लोभ मोह अहंकार ईर्ष्या स्वार्थ जैसी मनोवृतियो के रावण जलाए नही जलते ।मनुष्य के अंदर मौजूद असुरी प्रवृतियां समाज के मध्य रावण को जिंदा रखे हुए है। प्रतीकात्मक रूप में बाहर पुतले के रूप में खड़े रावण दहन करते है लेकिन साल भर अपने भीतर उसे पोषित करते हैं। आज रावण मनोवृतियां अधिक आकर्षित करने लगी है।इसलिए हमारे समाज में आज नायक की परिभाषा में राम नहीं रावण फिट बैठ रहा है। साजिश के तहत आधुनिकता की आड़ में हमारे समाज के नैतिक एवं सामाजिक मूल्यों की विचारधारा पर प्रहार करके उन्हें बदलने की कोशिशें जारी हैं। रावण को हराने के लिए राम जैसे आदर्शो को अपनाए जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा भगवान राम ने जो विजय रावण पर पाई थी वो रावण बुराई, अधर्म, अहम् , अहंकार और पाप का पर्याय था।एक ऐसी जीत जिसने पाप के साम्राज्य का जड़ से समूल नाश किया। रावण ने कठिन तपस्या के जरिए ईश्वर से शक्तियां अर्जित की। इन शक्तियों के दुरुपयोग से पाप की लंका का निर्माण किया था। ओपी चौधरी नें कहा अच्छे समाज का निर्माण करना हर व्यक्ति का दायित्व है क्योंकि एक एक ईंट से दीवाल का निर्माण होता है और दीवाले की मकान बनाती है। एक ईंट जैसी छोटी इकाई भी मकान के निर्माण में अपना योगदान देती है। रावण के इस पुतले को जलाने के साथ साथ सभी एक संकल्प लेकर जाए कि अभयंतर में मौजूद लालच के रूप में, झूठ बोलने की प्रवृत्ति के रूप में, अहंकार के रूप में, स्वार्थ के रूप में, वासना के रूप में, आलस्य के रूप में, बैठे रावण का भी दहन करे। जैसे अंधकार के नाश के लिए छोटा सा दीपक जलाने का प्रयास ही काफी है, उसी प्रकार हमारे समाज में असुरी मनोवृतियों के रावण का नाश करने के लिए सनातन धर्म का वैचारिक दीप जलाने की आवश्यकता है। अपनी आने वाली पीढ़ी को संस्कारवान बनाने के लिए , उन्हें नैतिकता का ज्ञान देना आवश्यक है। स्वयं राम बनकर आने वाली पीढ़ी के लिए आदर्श पेश करना है। त्रेता युग के रावण को प्रभु श्रीराम ने तीर से मारा था, आज राम बनकर रावण को संस्कारों से, ज्ञान से शिक्षा से और अपनी इच्छाशक्ति से मारना होगा।चक्रधर नगर कला समिति द्वारा आयोजित विजयादशमी महोत्सव में वरिष्ठ भाजपा नेता गुरुपाल भल्ला, जिला भाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल , युवा भाजपा नेता गौतम अग्रवाल , पुरुषोत्तम अग्रवाल , नवनीत जगतरामका , गुरमुख दस वलेचा , नंदलाल मोटवानी, अनूप बंसल, रत्थू गुप्ता, पंकज कंकरवाल दिव्य शक्ति प्रमुख श्रीमती कविता बेरीवाल सहित अनेक विशिष्टगणों की उपस्थिति रही।

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