नेत्रहीन व असहाय बच्चों की मदद के लिए उठे अनेकों हाथ…जैन महिला संगठना ने जुटा दी रसोई की सामग्री

रायगढ़ । जय बूढ़ी माई सेवा समिति नामक एन जी ओ द्वारा कोसमनारा में संचालित विकलांग बच्चों के आश्रय स्थल की दुर्दशा सामने आने के बाद से अब जनसहयोग मिल रहा है और व्यवस्था में सुधार के प्रयास प्रगति पर है। उल्लेखनीय है कि इस आश्रय स्थल में लगभग 30 दिव्यांग, नेत्रहीन व असहाय बच्चे इस समय हैं। बारिश में कच्चे अहाते में पानी भर जाने से बहुत परेशानी का सामना बच्चों व सहायिका को करना पड़ता था अतः जनसहयोग से सर्वप्रथम उसके अहाते का सीमेंटीकरण किया गया। तत्पश्चात बच्चों के लिये आवश्यक सामग्री भी दी जा रही है।
इस क्रम में कल महिला जैन संगठना ने रसोई हेतु अति आवश्यक सामग्रियां प्रदान की गयी जिसमें स्टील का बड़ा ड्रम 1 नग बर्तन हेतु स्टील का किचन स्टैंड 1 नग थर्मस 1 नग, बर्तन रखने का स्टैंड 1 नग, मच्छरदानी 11 नग
स्टील का भगोना 1 नग
बेड शीट 4 नग, पर्दे 10 नग, स्टील के जग 3 नग
सोयाबीन 2 किलो शामिल है। महिला जैन संघटना के सदस्यों ने आश्रम जाकर बच्चों से भेंट की और नाश्ते में उन्हें कचौड़ी व रसगुल्ला भी वितरित किया । इस अवसर पर महिला जैन संघटना की श्रीमती श्वेता शाह, श्रीमती वर्षा मेहता ,श्रीमती रीटा जैन, श्रीमती आरती जैन, श्रीमती उर्मिला जैन, श्रीमती नूतन जैन श्रीमती इंदिरा जैन, श्रीमती वैशाली मेहता, श्रीमती निशा मेहता, श्रीमती खुशबू सेठिया, श्रीमती भावना सेठिया, श्रीमती विजया सेठिया, श्रीमती पायल जैन उपस्थित थे। बच्चों को खुश देखकर सभी ने आत्मीय आनंद महसूस किया।

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