भाजपा को एका के सूत्र मे पिरोने वाले नायक उमेश अग्रवाल , जिनके सुदृढ़ कंधों पर चल कर पार्टी सफलता के नए सोपान तय करेगी…..

जन्मदिन पर विशेष

रायगढ़ । जिले की राजनीति में भाजपा के द्वितीय पंक्ति के सबसे कद्दावर नेता के रूप में भाजपा जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल का नाम आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है । अपनी ही सरकार के दौरान ” नशा मुक्ति अभियान ” का एक ऐसा आंदोलन छेड़ा कि समूचे ग्राम्यांचल के युवाओं , महिलाओं व सयानों के मध्य देखते ही देखते अपनी एक विशिष्ट पहचान स्थापित कर ली । लगातार दूसरी बार जिला भाजपाध्यक्ष की जिम्मेवारी उनकी कुशल संगठन क्षमता व अजातशत्रु नेता की पहचान के रूप में मिला इनाम है । उनके कुशल नेतृत्व में पार्टी न केवल और भी सुदृढ़ होकर उभरी है वरन आगामी चुनौतियों का बेहतर मुकाबला करने के लिए भी कटिबद्ध है ।

भाजपा को पहली बार ऐसा जिलाध्यक्ष मिला जिसे कार्यकर्ता भोले – भंडारी के रूप में जानते और मानते है। दशकों से अपना सर्वस्व भाजपा को समर्पित करने वाले उमेश अग्रवाल कुशल संगठक के रूप मे स्थापित हैं । पंद्रह साल भाजपा की सत्ता के दौरान वे प्रवक्ता रहे , उसके बाद कोषाध्यक्ष पद का सफलता पूर्वक निर्वहन किया , इसके बाद रमन सिंह के अंतिम कार्यकाल के दौरान वे संगठन के महामंत्री भी रहे । यूँ तो भाजपा की राजनीति में प्रथम पंक्ति के नेताओ में विजय अग्रवाल एवं रोशन लाल का नाम शामिल है। उमेश अग्रवाल द्वितीय पंक्ति के युवा नेताओ में सबसे अनुभवी माने जाते हैं । छत्तीसगढ़ के गठन के बाद पहली बार विजय अग्रवाल विधायक बने , उसके बाद रोशन अग्रवाल विधायक बने , दोनो ही नेताओ के विधायकी कार्यकाल में उमेश अग्रवाल संगठन में मुख्य भूमिका में शामिल रहे । विवादित राजनीति से सदैव किनारे रहने वाले उमेश अग्रवाल ने अपने संघर्षों से जिला भाजपा में सकारात्मक राजनीति की आधार- शिला रखी। अमूमन राजनीति में ऊपर चढ़ने के दौरान नीचे टांग खींचने वालों की संख्या कम नही होती किंतु उमेश अग्रवाल की सकारात्मक राजनीति का यह सुखद पहलू है कि राजनीति में उनके दुश्मनों की संख्या बिलकुल नहीं है। जिला भाजपा को गुटबाजी की प्रेत बाधा से मुक्त करने वाले उमेश अग्रवाल ने बड़े ही संघर्षों के बाद जिला भाजपा के दरवाजे प्रत्येक सामान्य कार्यकर्ता के लिए भी खोले। राजनीति में उनका बढ़ता कद विरोधियों को रास नहीं आया , यही वजह है कि उनके बेटे के खिलाफ मामला पंजीबद्ध हुआ वही उमेश अग्रवाल के खिलाफ व्यक्तिगत आरोप भी पंजीबद्ध किया गया । झूठी प्रवंचनाओं के खिलाफ साथियों ने भी अभूतपूर्व एकता का परिचय दिया और जिले भर से उमड़ आये हजारों आक्रोशित कार्यकर्ताओ ने थाने का घेराव कर दिया।

प्रदेश संगठन द्वारा दिए जा रहे कार्य कार्यक्रमों का संचालन किए जाने के मामले में भी रायगढ़ जिला भाजपा का स्थान सबसे ऊपर है। बतौर जिला- अध्यक्ष उमेश अग्रवाल की कार्यशैली से प्रदेश भाजपा के आला नेतागण पूर्ण संतुष्ट हैं । प्रदेश स्तर पर बढ़ती बेरोजगारी एवम प्रधान मंत्री आवास की समस्या को लेकर हुए धरना – प्रदर्शन में रायगढ़ से सबसे अधिक कार्यकर्ता शामिल हुए । इसे लेकर रायगढ़ जिला भाजपा अध्यक्ष की पीठ भी थपथपाई गई । रायगढ़ में हुए धरना प्रदर्शन के दौरान भी पूरी तरह से भाजपा एकजुट नजर आई । बतौर विपक्ष भाजपा की भूमिका रायगढ़ जिले में सराहनीय आँकी गई है । विधान सभा चुनाव के बाद रायगढ़ लोकसभा की जीत से लेकर नगर निगम चुनाव त्रिस्तरीय चुनाव में भाजपा ने सत्ता रूढ़ पार्टी कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी। विधान सभा चुनाव में निगम क्षेत्र से पिछड़ने वाली भाजपा एक साल बाद हुए निगम चुनाव में आगे रही । पिछले दिनों हुए वार्ड नंबर 27 के उपचुनाव में भाजपा की जीत को भी उमेश अग्रवाल की करिश्माई नेतृत्व का परिणाम माना जा रहा है । आगामी विधान सभा चुनाव के दौरान जिला भाजपा को टक्कर के लिए तैयार करने वाले उमेश अग्रवाल की रायगढ़ विधान सभा में स्वाभाविक दावेदारी भाजपा के लिए जीत का मार्ग प्रशस्त करेगी , ऐसा तटस्थ प्रेक्षकों का भी मानना है ।बहरहाल , उमेश अग्रवाल की अगुवाई में सियासत के मैदान में जिला भाजपा भविष्य में भी उम्दा प्रदर्शन करती रहेगी , इसे लेकर कोई संशय नही है ।

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