राम नाम के आराधना का आयोजन बना आदिवासी महिला के अपमान का गवाह….

आदिवासी महिला सांसद को राम महोत्सव में निमंत्रण नही देना आदिवासियो का अपमान – उमेश अग्रवाल

राम महोत्सव आयोजन में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में प्रोटोकाल का उल्लंघन

राष्ट्रपति से नए संसद भवन के उद्घाटन की मांग करने वाली कांग्रेस ने चुनी हुई आदिवासी महिला सांसद को बुलाया तक नहीं….

रायगढ़ । तीन दिनों के राम महोत्सव आयोजन के दौरान क्षेत्र की आदिवासी महिला सांसद गोमती साय को निमंत्रण नही भेजे जाने पर मुख्यमंत्री की मौजूदगी में प्रोटोकाल का उल्लंघन बताते हुए जिला भाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने इसे आदिवासियो के लिए अपमानजनक घटना निरूपित किया। उमेश अग्रवाल ने कहा यह वही कांग्रेस है जो नए संसद भवन के उद्घाटन की मांग आदिवासी महिला राष्ट्र पति के हाथो कराने की मांग को लेकर जिद में अड़ी हुई थी और लोकतंत्र के पावन मंदिर के उद्घाटन का बहिष्कार तक कर दिया। राम सेतु को काल्पनिक बताने सहित राम मंदिर के निर्माण में रोड़े अटकाने के लिए कांग्रेसी वकीलों को कोर्ट में खड़े करने वाली कांग्रेस , डूबते हुए जनाधार को देख भरोसे की सरकार होने का दावा करने वाली यह सरकार राम भरोसे हो गई । देर से सही राम आराधना की कांग्रेसियों में सद्बुद्धि आना भाजपा के लिए बड़ी व गौरव पूर्ण उपलब्धि है।भाजपा कांग्रेस के मध्य राम आराधना का भेद समझाते हुए उमेश अग्रवाल ने कहा लोकप्रिय आदिवासी महिला सांसद को न्यौता नही भेजकर कांग्रेस ने ” सबके है राम ” की भावना का खुलकर मजाक उड़ाया है। राम महोत्सव के गरिमामय आयोजन में भी कांग्रेस षड्यंत्र पूर्ण राजनीति से बाज नहीं आ रही। राम से जुड़े आयोजन सदैव गरिमामय प्रेरणा दाई होते है । कांग्रेस ने ‘ अंधा बांटे रेवड़ी चिन्ह चिन्ह के देय ‘ की मानसिकता से वी आई पी पास जारी किए एवम न्यौता भेजा। सांसद की लोकप्रियता की वजह से सदैव आदिवासी महिला को अपने निशाने पर रखने वाले स्थानीय विधायक प्रकाश नायक यह नही भूलें कि उनकी जीत के छह महीने बाद ही लोकसभा चुनाव में उनके क्षेत्र की जनता ने उनकी पार्टी की प्रत्याशी की बजाय गोमती साय को भारी बहुमत से विजयी बनाया था। राम महोत्सव के दौरान चुनी हुई आदिवासी महिला सांसद को नही बुलाकर कांग्रेस ने साजिश रच कर राम के गरिमामय आयोजन को धूमिल किया है। क्षेत्र के आदिवासी इस अपमान को नही भूलेंगे।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बयान दिया कि भाजपा ने 15 सालो में आदिवासियो की दशा की ओर ध्यान नही दिया , इस पर उमेश अग्रवाल ने कहा एक चुनी हुई लोकप्रिय महिला आदिवासी सांसद को राम महोत्सव में निमंत्रण नही भेजना क्या कांग्रेस द्वारा सम्मान किए जाने की पद्धति है ? मुख्यमंत्री के बयान को ‘मुंह में राम – बगल में छुरी ‘ वाला निरूपित करते हुए उमेश अग्रवाल ने कहा एक ऐसा आयोजन जिसमे मुख्यमंत्री प्रोटोकाल एवम संविधान का उल्लंघन इसलिए करते है ताकि आदिवासियो का अपमान किया जा सके। ऐसी मानसिकता के लिए प्रभु राम से उन्हें ( भूपेश सहित सभी कांग्रेसी ) सिर्फ सद्बुद्धि दिए जाने की कामना ही की जा सकती है।

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