घोटालों से भरा रहा विधायक प्रकाश नायक का इतिहास….

तरक्की से जलने वाली कांग्रेस अडानी की मुसीबत में कर रही विधवा विलाप- उमेश अग्रवाल
अडानी के बहाने भारत पर निशाना साधने का कांग्रेस पर आरोप
यूपीए सरकार के दौरान 34% नुकसान में रहने वाली एस बी आई ने मोदी सरकार में 68% लाभ कमाया
रायगढ़ । अडानी के मामले को लेकर कांग्रेस के धरने को नौटंकी बताते हुए जिला भाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने स्थानीय विधायक पर निशाना साधते हुए कहा आप इस पार्टी के विधायक है जिसका इतिहास घोटालों का रहा है l भाजपा नेता उमेश अग्रवाल ने स्मरण कराया कि आपके पिता स्वर्गीय डाक्टर शक्रा जीत नायक ने अपनी राजनीति की शुरुवात राष्ट्रवादी पार्टी भाजपा से शुरू की थी l अडानी के मामले को लेकर दिए गए धरने में शामिल विधायक प्रकाश नायक को तथ्य उपलब्ध कराते हुए कहा वे इस विषय पर भी सार्वजनिक बहस के लिए तैयार है l एलआईसी ने अडानी के बॉन्ड और इक्विटी में 36474.78 करोड़ रुपये निवेश किया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले इस निवेश की वैल्यू 77000 करोड़ थी जो कि अब घटकर 50 हजार करोड़ रुपए की हो गई l आज भी एलआईसी को नुकसान नहीं है l एलआईसी का निवेश सिर्फ सिर्फ अडानी में नही बल्कि 36 ग्रुप में निवेश है l एलआईसी द्वारा दी गई जानकारी साझा करते हुए उमेश अग्रवाल ने कहा कि एलआईसी ने उसने अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों में मिलाकर कुल 30,127 करोड़ रुपये का निवेश किया है। जो कि एल आई सी के कुल निवेश का 0 .975% याने एक प्रतिशत से भी कम है l कांग्रेस देशवासियों का जीवन असुरक्षित करना चाहती है l विरोध के बहाने कांग्रेस चाहती है कि एल आई सी से देश वासियों का भरोसा उठ जाए l कांग्रेस एलआईसी के कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रही है। एलआईसी पॉलिसीहोल्डर्स में ऐसा डर बन रहा है कि उनके निवेश का क्या होगा। जबकि चिंता की कोई बात नहीं है। एलआईसी के कुल निवेश का एक फीसदी से भी कम अडानी ग्रुप में है। अडानी तरक्की कर रहा था तो भी कांग्रेस को दर्द था आज उसे घाटा हो रहा है तो तो कांग्रेस मुसीबत में है l कांग्रेस को बेचारा बताते हुए कहा मोदी सरकार के विरोधियों एवं विदेशी दलालो द्वारा मिलकर रचा गया यह षड्यंत्र जल्द ही उजागर होगा l 2014 में जब ब्रम्हाण्ड के सबसे ईमानदार कांग्रेस पार्टी और चारों युग में अर्थशास्त्र के सबसे अधिक विद्वान पीएम मनमोहन सिंह की सरकार थी, तब स्टेट बैंक को सर्वाधिक 34 प्रतिशत का नुकसान हुआ था। जबकि अब जहां कांग्रेस के अनुसार स्टेट बैंक का सारा पैसा अदानी को दे दिया गया है और करोड़ो रुपया डूबा दिया गया है l इसी आरोप को लेकर कांग्रेसी स्टेट बैंक की शाखाओं के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं, तब स्टेट बैंक ने अपने जीवन काल में इतिहास का सबसे बड़ा मुनाफा 68% से अधिक का लाभ दर्ज किया है l एल आई सी व स्टेट बैंक के मुद्दे पर स्थानीय विधायक प्रकाश नायक को सार्वजनिक बहस करनी बताना चाहिए कि अडानी मामले से दोनो संस्थानों ने क्या घोटाला किया l मोदी विरोध के जरिए अपने अस्तित्व को जीवित रखने वाली कांग्रेस को अब यह समझ लेना चाहिए कि पद यात्रा के बाद पूरे विश्व में मोदी की स्वीकार्यता बढ़ी है l भाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने आम जनता के समक्ष आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा आजादी दिलाने का दावा करने वाली कांग्रेस ने अपनी सरकार रहते करीबन 250 से ज्यादा घोटाले किए एवम घोटाले करने वालो को सरक्षणं दिया l आजादी के बाद 1948 में जीप खरीदी घोटाला हुआ l भारत सरकार ने एक लंदन की कंपनी से 2000 जीपों को सौदा किया। सौदा 80 लाख रुपये का था। लेकिन केवल 155 जीप ही मिल पाई। घोटाले में ब्रिटेन में मौजूद तत्कालीन भारतीय उच्चायुक्त वी.के. कृष्ण मेनन का हाथ होने की बात सामने आई। जल्द ही घोटाले में शामिल मेनन को पुरुस्कृत करते हुए प्रधान मंत्री नेहरु ने अपने केबिनेट में शामिल कर लिया जिसकी वजह से घोटाले की राशि की वसूली नहीं हो पाई l 1951 में तत्कालीन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सेक्रेटरी एस.ए. वेंकटरमन ने एक कंपनी को साइकिल आयात कोटा दिए जाने के बदले में रिश्वत ली। इसके लिए उन्हें जेल भेजा गया लेकिन सरकार के सरक्षण की वजह से वसूली नहीं हो पाई l 1958 में हरिदास मुंध्रा द्वारा स्थापित छह कंपनियों में लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के 1.2 करोड़ रुपए का घोटाला उजागर हुआ। इसमें तत्कालीन वित्त मंत्री टीटी कृष्णामचारी, वित्त सचिव एच.एम.पटेल, एलआईसी चेयरमैन एल एस वैद्ययानाथन का नाम आया। कृष्णामचारी को इस्तीफा देना पड़ा और मुंध्रा को जेल जाना पड़ा, लेकिन सरक्षण की वजह से वसूली नहीं हुई l 1960 में एक बिजनेसमैन धर्म तेजा ने एक शिपिंग कंपनी शुरू करने के लिए सरकार से गलत तरीके से 22 करोड़ रुपये का लोन लेकर धनराशि को देश से बाहर भेज दी l मारुति कंपनी बनने से पहले घोटाला में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का नाम आया। मामले में लाइसेंस देने के लिए संजय गांधी की मदद की गई थी। 1976 में तेल के गिरते दामों के मददेनजर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने हांग कांग की एक फर्जी कंपनी से ऑयल डील की। इसमें भारत सरकार को 13 करोड़ का चूना लगा। इस घपले में इंदिरा और संजय गांधी का भी हाथ है। 1987 में एचडीडब्लू दलाली घोटाला सामने आया जिसमे जर्मनी की पनडुब्बी निर्मित करने वाले कंपनी एचडीडब्लू को काली सूची में डाल दिया गया। इस मामले में 20 करोड़ की कमीशन खोरी उजागर हुई l 1987 में बोफोर्स घोटाला सामने आया जिसमे स्वीडन की कंपनी बोफोर्स एबी से रिश्वत लेने के मामले में राजीव गांधी समेत कई बेड़ नेता फंसे। भारतीय 155 मिमी. के फील्ड हॉवीत्जर के बोली में नेताओं ने करीब 64 करोड़ रुपये का घपला उजागर हुआ l 1992 में हर्षद मेहता ने धोखाधाड़ी से बैंको का पैसा स्टॉक मार्केट में निवेश कर दिया, जिससे स्टॉक मार्केट को करीब 500 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। 1992 में इंडियन बैंक घोटाला सामने आया जिसमे छोटे कॉरपोरेट और एक्सपोटर्स ने बैंक से करीब 13000 करोड़ रुपये उधार लिए। ये धनराशि उन्होंने कभी नहीं लौटाई। उस वक्त बैंक के चेयरमैन एम. गोपालाकृष्णन थे l स्टॉक मार्केट घोटाले के तहत स्टॉक ब्रोकर केतन पारीख ने स्टॉक मार्केट में एक लाख पंद्रह हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया। स्टांप पेपर स्कैम के तहत करोड़ो रुपये के फर्जी स्टांप पेपर का घोटाले का मास्टरमाइंड अब्दुल करीम तेलगी था। 2008 में देश की चौथी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी सत्यम कंप्यूटर्स के संस्थापक अध्यक्ष रामलिंगा राजू द्वारा आठ हजार करोड़ रूपये का घोटाले का मामला सामने आया। उमेश अग्रवाल ने कहा कांग्रेस की स्पोर्ट किया जाना भ्रष्टाचारियों को समर्थन करने जैसा ही है