राख उपयोगिता के लिये NTPC और SECL के मध्य समझौता


कई लाख घन मीटर राख के निपटान की रूपरेखा तैयार

रायगढ़ । पर्यरवरण सरंक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, एनटीपीसी और एसईसीएल ने दिनांक 4 नवंबर 2024 को बंद खदानों में राख भरने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस समझौते में दुग्गा खदान के लिए लगभग 117.81 लाख घन मीटर और बिश्रामपुर खदान के लिए 12.02 लाख घन मीटर राख के निपटान की रूपरेखा तैयार की गई है। यह पहल न केवल प्रभावी राख प्रबंधन की सुविधा प्रदान करती है, बल्कि बंद खनन स्थलों के पुनर्स्थापन में भी योगदान करती है, जो हमारे पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. ।

छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित एनटीपीसी के तीन स्टेशन लारा, सीपत और कोरबा ने इस राख आपूर्ति समझोता पर हस्ताक्षर किया है। विशेष रूप से, एनटीपीसी सीपत 5.4 मिलियन मीट्रिक टन, लारा 2.9 मिलियन मीट्रिक टन, और कोरबा 4.7 मिलियन मीट्रिक टन राख भरने के लिए प्रदान करेगा।

एनटीपीसी लारा की ओर से श्री अनिल कुमार, कार्यकारी निदेशक (लारा), सीपत परियोजना की और से श्री विजय कृष्ण पांडे (परियोजना प्रमुख –सीपत) और कोरबा परियोजना की और से इस समझौता पर हस्ताक्षर किये है ।

एसईसीएल की ओर से, इस समझौता ज्ञापन पर श्री बी.के. जेना (महाप्रबंधक – पर्यावरण), प्रदीप कुमार (क्षेत्रीय महाप्रबंधक – भटगांव), और संजय कुमार (महाप्रबंधक – बिश्रामपुर) ने हस्ताक्षर किए। यह सहयोग दोनों संगठनों की स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता को उजागर करता है।

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