चक्रधर कला एवं संगीत महाविद्यालय में गुरु पूजन महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया…..



रायगढ़ । गत 03 जुलाई संध्या 4 बजे से कला गुरु श्री वेदमणि सिंह ठाकुर के निर्देशन मे चक्रधर कला एवं संगीत महाविद्यालय, स्टेडियम रोड, रायगढ़ में गुरुपूर्णिमा पर्व पर गुरू पूजन उत्सव श्री राम कृष्ण सोन (गुरूजी) के मुख्य आतिथ्य एवं पंडित कृष्ण पाल शुक्ल (सेवा निर्वित शिक्षक) एवं श्री प्रमोद सराफ (सेवा निर्वित अधिकारी स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया) के विशेष आतिथ्य में मनाया गया | सर्व प्रथम अतिथियों का स्वागत राजेंद्र कुमार गुप्ता ने श्रीफल, पुष्प माला, वस्त्र भेंट कर वंदन लगाया | तत्पश्चात अतिथियों द्वारा कला की देवी माँ सरस्वस्ती एवं रायगढ़ दरबार के कलाकार रहे स्व: ठाकुर जगदीश सिंह “दीन” मृदंगार्जुन के छाया चित्रों पर पुष्प, धुप, अगरबत्ती अर्पण कर कार्यक्रम का प्रारंभ किये, तत्पश्चात उद्बोधन क्रम में सर्व प्रथम प्रमोद शराफ ने गुरु पूर्णिमा पर प्रकाश डालते हुये कहा कि मनुष्य को यदि गुरु के प्रति समर्पण का भाव रहे तो वह गुरु से कभी विमुख नहीं होता | नन्हे मुन्ने बच्चो को उन्होंने सरल भाषा में उदाहरण देते हुये कहा कि आप लोगों को गुरु का हाथ नहीं पकड़ना बल्कि गुरु को अपना हाथ पकड़वाना चाहिये क्योंकि गुरु यदि आपका हाथ थाम लिये तो गुरु द्वारा कभी छूटेगा नहीं | उन्होंने उपस्थित संगीत के प्रति समर्पित नन्हें – मुन्ने बालक / बालिकायें के अभिवावकों का आभार प्रकट करते हुये कहा कि वर्तमान शिक्षण व्यवस्था में जहाँ स्कूली पढ़ाई का अत्यधिक भार होते हुये भी अभिभावक गण भरी गर्मी, बरसात एवं ठंढ में भी अपने नौनिहालों को संगीत विधा का तालीम दिलवा रहे हैं मैं उन्हें इस मंच से साधुवाद प्रेषित करते हुये प्रणाम करता हूँ | उद्बोधन के अगले क्रम में पंडित कृष्ण पाल शुक्ल ने छात्रों एवं अभिभावकों को गुरु पूर्णिमा पर्व की महिमा को सरल शब्दों में बतलाये और उन्होंने कहा कि संगीत कला के शिष्य वर्तमान परिवेश में भी गुरु को दंडवत प्रणाम कर संस्कार का पूर्णतः पालन कर रहे हैं, संगीत कला का शिक्षण हमारे संस्कार एवं परम्परा को सम्हालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, एवं उन्होंने सभी को गुरु पूर्णिमा पर्व की शुभकामनाये दी |
उद्बोधन कार्यक्रम के पश्चात प्राचार्य श्रीमती चंद्रा देवांगन के निर्देशन में कला गुरु वेदमणि सिंह ठाकुर “बेदम” द्वारा रचित एवं स्वर बद्ध किया हुआ सामूहिक सरस्वस्ती वंदना – “हँस वाहिनी ज्ञान दायिनी माता सरस्वती” की प्रस्तुति सत्रिका टंडन, रीना यादव, ख्याति मिरी, प्रेरणा शर्मा, अवनी मिश्रा के समूह स्वरों में प्रस्तुत किया गया, इसके बाद महाविद्यालय के गुरु (गायन एवं तंत्र वाद्य) धनेन्द्र कुमार के निर्देशन में गुरु वंदना. राग- यमन, ताल एक ताल, में शिष्यों द्वारा – “गुरु बिना नहीं आये ज्ञान” जिसे हेम सागर षडंगी, महेश चक्रधारी, प्रिंस गुप्ता, गौरव खर्रा एवं अमन कंकरवाल के समवेत स्वर में शुद्ध शास्त्रीय अंदाज में प्रस्तुत किया गया जिसे उपस्थित श्रोताओं ने खूब सराहा | समूह वंदना के पश्चात धनेन्द्र कुमार द्वारा गुरु वंदना प्रस्तुत किया गया |
वंदना कार्यक्रम पश्चात महाविद्यालय के गुरुजनों का शिष्यों द्वारा गुरु – पूजन श्रीमती चंद्रा देवांगन , मोहन लाल बरेठ रश्मि राठौर धनेन्द्र कुमार, का किया गया जिसमें से प्रमुख अलंकृता, धृति सिंह चंद्रवंशी, मान्या राठौर, समृद्धि शुक्ला, सौम्या पटेल, पायस खूटे, बानी राठिया, एस. काव्या, अपूर्वा चौधरी, सोनाली भोय, सोनिया देवांगन, आराध्या तिवारी, अंशु साव, फाल्गुनी दुबे, रिया बरेठ, तेजी पैंकरा, वर्तिका प्रधान, आराध्या सोनी (मीठी), कोमल रौशनी राणा, श्रिष्टी विश्वकर्मा, आयुषी गुप्ता, आद्या, आद्विका देवांगन, परिणीति शर्मा, आराध्या अग्रवाल, सोनाक्षी ठाकुर, तृषा भारद्वाज, अर्पिता पटेल, तमन्ना विश्वास, आरात्रिका साहू, प्रज्ञा साहू, स्नेहा शर्मा, खुशबू सिदार, आशी स्वरा, अयाना ध्रुव, मीनाक्षी बेहरा, अनन्या सिंह, वैदेही साहू, गरिमा चंद्राकर, कृतिका साव, हर्षिता सिदार, अपर्णा गुप्ता, अनिष्का नायक, अदिति विश्वकर्मा, सौम्या रोहरा, छवि ठाकुर, परमीत सिंह, समर टंडन, यश देवांगन, मोहित अम्बुवानी, गरिमा साहू, राग्यांश महंत, श्रेयांश तिवारी, रिषित अग्रवाल, सनाया वर्मा, हिमेश प्रजा, दिव्या अम्बुवानी, मयंक मैत्री, तृप्ति गोश्वामी, अभिराज नायक, श्रिस्टी डडसेना, हरेन्द्र पर्वत, आर्या राठौर, अद्विक चौधरी, राशि साहू, ऐश्वर्या देवांगन, इलीशिबा मेहर, ईशा निकुंज, समर्थ गुप्ता, सोनल मौर्या, आश्रय मिश्रा, प्रिंसी सिदार, रिया दास, भूमिका मेहर, श्रिष्टी टंडन, मेहक देवांगन, वेदांश महंत इत्यादि शिष्य / शिष्याये का नाम प्रमुख है |
उक्त कार्यक्रम में गणमान्य नागरिकों में श्रीमती गीता राठौर, राखी सिंह, गिरिजा पटेल, जी. कर्थिगासेल्वारानी, तपेश्वर कुमार, नीतू कुमारी, तार्केर्श्वर नायक, श्रीमती नायक, मंजू सिंह, रंजू मेहर, यामिनी शैलेन्द्र देवांगन, दिव्यांशु देवांगन, अन्नु सिंह राजपूत, संगीता चक्रधारी, प्रकाश देवांगन, कमला देवांगन, भेख राम देवांगन, भगवती देवांगन, शालिनी पत्निहा, रानी पटेल इत्यादि की उपस्थिति रही ।


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